
Shashi Tharoor Lakshman rekha: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और Operation Sindoor के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे पार्टी की लक्ष्मण रेखा पार किए जाने की बात कही है। अब खुद थरूर ने सफाई दी है कि उनके विचार पूरी तरह व्यक्तिगत हैं और पार्टी की आधिकारिक राय से कोई कनेक्शन नहीं है।
लोकसभा सांसद थरूर ने कहा: मैंने जो भी कहा, वह एक भारतीय और गर्वित नागरिक के तौर पर अपनी समझ के आधार पर कहा। यह मेरी निजी राय है, कांग्रेस की आधिकारिक लाइन नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंटरनेशनल मीडिया से बात करते वक्त उन्होंने देश के दृष्टिकोण को सामने रखने की कोशिश की।
जब थरूर से पूछा गया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी तो उन्होंने कहा: मैं बैठक में 6:35 बजे तक मौजूद था और उस समय ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठा। अगर बाद में कुछ हुआ हो तो मुझे जानकारी नहीं है।
थरूर ने दो टूक कहा कि उन्हें कोई क्लासिफाइड इनफॉर्मेशन (Classified Information) नहीं मिलती, वे सिर्फ अपने अनुभव और वैश्विक मामलों की समझ के आधार पर बात करते हैं। उन्होंने कहा: जो मेरी राय से असहमत हैं, उन्हें पूरा अधिकार है असहमति जताने का।
जयराम रमेश के उस बयान पर कि थरूर पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हैं, थरूर ने कहा कि वो बिल्कुल सही कह रहे हैं। मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि मैं पार्टी या सरकार का प्रवक्ता हूं।
थरूर ने Operation Sindoor के तहत हुई सैन्य कार्रवाई पर भी सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह का सटीक और योजनाबद्ध ऑपरेशन किसी जिम्मेदार सैन्य मुख्यालय से ही संभव है।
थरूर ने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने शुरुआती दिनों में ही सरकार और सेना को पूरा समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राष्ट्रीय एकजुटता जरूरी होती है, खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए।
थरूर के इंटरनेशनल इंटरव्यूज की सराहना खुद भाजपा नेता अमित मालवीय ने की थी। यह भी कांग्रेस के भीतर असहजता का कारण माना जा रहा है।