मोदी VS ममताः बंगाल सरकार को लगा झटका, 26 जनवरी के परेड में नहीं शामिल होगी यह झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में 56 झांकियों के प्रस्ताव में से 22 झांकियों को मंजूरी मिली है। जिसमें बंगाल सरकार की कन्याश्री योजना वाले झांकी को मंजूरी नहीं मिली है। वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि एक्सपर्ट कमिटी की बैठक में किसी भी अधिकारी को नहीं बुलाया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 8:12 AM IST

कोलकाता. केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच जारी सियासी तकरार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। इन सब के बीच गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली पश्चिम बंगाल की झांकी को रद्द कर दी गई है। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार लड़कियों के लिए चलाई जाने वाली योजना 'कन्याश्री' को गणतंत्र दिवस परेड में दिखाना चाहती थी। इस योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा चुका है।

रक्षा मंत्रालय ने दी यह जानकारी 

रक्षा मंत्रालय ने कहा है, 'पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दिए गए झांकी के प्रस्ताव की जांच एक्सपर्ट कमिटी ने दो राउंड की बैठक में की। दूसरी कमिटी की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि इस झांकी को अनुमति नहीं दी जाएगी।' इस बारे में पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की एक्सपर्ट कमिटी की मीटिंग में झांकी के बारे में चर्चा के लिए हमें नहीं बुलाया गया।

पहले भी रद्द हो चुकी है कन्याश्री योजना पर झांकी

वर्ष 2015 से लेकर अब तक पश्चिम बंगाल सरकार दो बार 'कन्याश्री' योजना को दर्शाने की कोशिश कर चुकी है लेकिन दोनों बार बंगाल सरकार को मंजूरी नहीं मिली। 2018 में बंगाल सरकार ने 'एकता-ए-सम्प्रति' यानी 'एकता ही भाईचारा' है थीम पर झांकी निकालने की कोशिश की थी, लेकिन तब भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था।

56 में से 22 झांकियों को मिली मंजूरी 

2019 के गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में हिस्सा लेने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को पूरी प्रक्रिया के तहत चुना गया था। पश्चिम बंगाल 2014 में छाऊ डांस थीम और 2016 में बाउल कलाकारों की प्रस्तुति के दम पर प्रथम पुरस्कार जीत चुका है। इस साल की परेड के लिए 56 में से कुल 22 झांकियां चुनी गई है, जिसमें 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से और छह विभिन्न मंत्रालयों से हैं।

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