निर्भया के दोषियों को लेकर आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, फांसी पर लटकाने में आ सकती है अड़चन

निर्भया के दोषियों को जब से फांसी पर लटकाने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ी है।  तब से उनके होश उड़े हुए हैं। साथ ही चारों दोषी पवन, विनय, मुकेश और अक्षय ने खाना कम कर दिया है और पहले से अधिक गुमसुम रहने लगे हैं। इनका वजन लगातार घटता जा रहा है। जिससे जेल प्रशासन चिंतित है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 14, 2019 11:25 AM IST

नई दिल्ली. निर्भया दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों पर जेल प्रशासन की पैनी नजर है। आरोपियों को जल्द फांसी पर लटकाया जा सकता है इसकी चर्चो जोरों पर है। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दोषियों को जब से फांसी लगने की प्रक्रिया के रफ्तार पकड़ने की जानकारी सामने आई है। तब से उनके होश उड़े हुए हैं। इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि चारों दोषियों पवन, विनय, मुकेश और अक्षय ने खाना कम कर दिया है और पहले से अधिक गुमसुम रहने लगे हैं। 

रोज किया जा रहा मेडिकल टेस्ट 

तिहाड़ जेल में तैनात चिकित्सक रोजाना दोषियों के स्वास्थय की जांच कर रहे हैं। जांच के नतीजों को संबंधित दोषियों की फाइल में दर्ज किया जा रहा है। जेल सूत्रों की माने तो यदि दोषियों को फांसी पर लटकाने का आदेश प्राप्त होता है तो उस स्थिति में इस फाइल की अहमियत अधिक हो जाएगी। बताया जा रहा कि जेल नियमावली के मुताबिक, फांसी की सजा पर अमल तभी हो सकेगा जब ये शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थय पाए जाएंगे। स्वास्थ्य जांच के दौरान अन्य बातों के अलावा इनके वजन पर भी नजर रखी जा रही है।

अस्पताल की टीम रख रही खास नजर 

जेल सूत्रों का कहना है कि इनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए जेल अस्पताल की ओर से चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। इस टीम के चिकित्सक हर रोज इनका परीक्षण कर रहे हैं। टीम के अलावा किसी अन्य को जांच की अनुमति नहीं है।

वजन व लंबाई के मुताबिक तय होती है लटकने की सीमा

जेल नियमावली के अनुसार फांसी के फंदे पर लटकाने से जुड़ी प्रक्रिया में दोषी के वजन व उसकी लंबाई का बड़ा महत्व है। फांसी का फंदा जिस लोहे की बीम पर लगे हुक से बांधा जाता है। वहां से लंबाई व वजन के हिसाब से गर्दन में लगे फंदे के लटकने की लंबाई तय होती है। दोषी का वजन यदि 45 किलोग्राम या इससे कम है तो उसे प्लेटफार्म से 2.4 मीटर नीचे लटकाया जाएगा। इसी तरह यदि दोषी का वजन 45 किलोग्राम से अधिक और 60 किलोग्राम से कम है तो उसे करीब 2.29 मीटर नीचे तक लटकाया जाएगा। यदि 60 किलोग्राम से 75 किलोग्राम के बीच दोषी का वजन है तो यह लंबाई घटकर 2.13 मीटर हो जाएगी। 75 किलोग्राम से 90 किलोग्राम के बीच भार वाले दोषियों के लिए यह सीमा 1.98 मीटर है। यदि दोषी का वजन 90 किलोग्राम से अधिक है तो यह सीमा घटकर 1.83 हो जाती है।

जेल प्रशासन की वजन पर टिकीं हैं नजरें 

दोषियों के वजन के अनुसार यह तय होगा कि किस दोषी को फंदे से कितना नीचे लटकाया जाएगा। नियमों के मुताबिक कम वजन के दोषियों को ज्यादा वजन वाले की तुलना में अधिक नीचे लटकाया जाता है। जेल सूत्रों का कहना है कि कुछ समय से चारों दोषियों में कुछ के वजन में कमी आ रही है। जेल अधिकारियों का कहना है कि चारों दोषी पूरी तरह फिट हैं, लेकिन वजन के बारे में वे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।

चार दिन पहले तय होगा यह सब

जेल सूत्रों का कहना है कि वजन के हिसाब से फांसी की तिथि निर्धारित होने से चार दिन पहले चिकित्सा अधिकारी पूरी स्वास्थ्य रिपोर्ट देखने के बाद लटकाने की लंबाई के बारे में अपना सुझाव देते हैं। चिकित्सा अधिकारी यदि चाहें तो यह लंबाई कम या अधिक भी कर सकते हैं। फांसी देने के लिए जिस रस्सी का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है उसकी मोटाई भी तय है। रस्सी की मोटाई 2.59 से 3.81 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए। 

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