
Shubhanshu Shukla Return Time: 21वीं सदी में किसी भारतीय की अंतरिक्ष में सबसे बड़ी और ऐतिहासिक यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है। भारत के गगनयात्री (Gaganyatri) ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटने की तैयारी में हैं। ISRO ने जानकारी दी है कि उनकी वापसी 15 जुलाई को भारतीय समय अनुसार दोपहर 3 बजे होगी।
यह मिशन Axiom Space, NASA और ISRO की साझा साझेदारी में हुआ, जिसे मिशन ‘आकाश गंगा’ (Mission Akash Ganga) नाम दिया गया। 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center से उड़ान भरने वाले चार सदस्यीय दल में भारत के शुक्ला एकमात्र एशियाई चेहरे रहे।
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक बने हैं। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन के तहत सात दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। दिलचस्प बात यह है कि जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे तब शुक्ला का जन्म भी नहीं हुआ था। अब 39 वर्षीय शुक्ला ने एक नई पीढ़ी के आत्मविश्वास को अंतरिक्ष तक पहुंचा दिया है।
अपने मिशन के अंतिम दिन, नासा और एक्सपेडिशन क्रू के साथ हुई विदाई समारोह में शुक्ला ने भावुक होकर कहा कि आज का भारत अंतरिक्ष से आत्मनिर्भर दिखता है। यह भारत निडर है, आत्मविश्वासी है और गर्व से भरा है। मुझे गर्व है कि मैं इस भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।
ISRO के अनुसार, वापसी की प्रक्रिया 14 जुलाई को भारतीय समय अनुसार शाम 4:30 बजे शुरू होगी, जब क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक करेगा। समुद्र के मौसम अनुकूल रहे तो शुक्ला की वापसी प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में कैलिफोर्निया तट के पास होगी।
अंतरिक्ष में रहते हुए शुक्ला ने 7 भारतीय माइक्रोग्रैविटी (Microgravity) प्रयोग किए जिनसे भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों और दीर्घकालिक अंतरिक्ष निवास के लिए अहम डाटा मिलेगा। ISRO ने कहा कि गगनयात्री की सेहत की लगातार निगरानी की जा रही है, वह स्वस्थ हैं और उत्साहित हैं।
शुभांशु शुक्ला ने अपने संदेश में कहा कि मेरा मिशन अब खत्म हो रहा है, पर हमारा मिशन अभी लंबा और चुनौतीपूर्ण है, गगनयान से लेकर 2040 तक के चंद्रयान तक। पर यदि हम ठान लें तो सितारे भी करीब हैं। आइए, अब पृथ्वी पर मिलते हैं।