'खालिस्तान' की डिमांड को लेकर Sikhs For Justice ने किया 26 जनवरी, 2023 में भारत में एक चौंकाने वाला ऐलान

पंजाब के सिखों के लिए खालिस्तान की मांग करते आ रहे अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस( Sikhs For Justice-SFJ) ने 26 जनवरी, 2023 को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब में खालिस्तान जनमत संग्रह( Khalistan Referendum) का ऐलान किया है। SFJ ने इटली की राजधानी रोम में खालिस्तान जनमत संग्रह कराया है। यह ऐलान इसी दौरान किया गया है।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 4, 2022 4:22 AM IST / Updated: Jul 04 2022, 09:54 AM IST

नई दिल्ली. पंजाब के सिखों के लिए खालिस्तान की मांग करते आ रहे अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस(Sikhs For Justice-SFJ) की एक्टिविटीज बढ़ती जा रही हैं। SFJ ने इटली की राजधानी रोम में खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए मतदान कराया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें 17000 स अधिक सिखों ने हिस्सा लिया। इसी अवसर पर सिख फॉर जस्टिस ने 26 जनवरी, 2023 को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय पंजाब में खालिस्तान जनमत संग्रह की भी घोषणा की है।

सिद्धू मूसेवाला की स्मृति को समर्पित किया था आयोजन
SFJ ने इस कार्यक्रम को लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की स्मृति में समर्पित किया था। SFJ का कहना है कि मूसेवाला खालिस्तान आंदोलन के समर्थक थे। इसलिए रोम में मतदान केंद्र भी मूसेवाला को समर्पित किया गया था। दो महीने पहले रोम से करीब 5 घंटे की दूरी पर स्थित ब्रेशिया जिले में भी खालिस्तान जनमत संग्रह में कराया गया था। इसमें 40,000 से अधिक सिखों ने मतदान किया था। रोम और ब्रेशिया दोनों इतालवी शहरों में पश्चिमी यूरोप में सिखों की सबसे बड़ी आबादी है। ब्रिटेन के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां भारतीय मूल के 50,000 से अधिक सिख रहते हैं। बता दें कि रोम में खालिस्तान जनमत संग्रह कथित स्वतंत्र पंजाब जनमत आयोग (पीआरसी) की देखरेख में आयोजित किया गया था। कुछ महीनों में  जब इसके सभी फेज पूरे हो जाएंगे, तब रिजल्ट का ऐलान होगा।

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SFJ के चीफ अलगाववादी लीडर पन्नू ने कहा
एसएफजे के स्वयंभू सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू(Gurpatwant Singh Pannu) ने एक बयान में कहा कि रोम में मतदान ऑपरेशन ब्लू स्टार की 38वीं वर्षगांठ के साथ हुआ, जब भारतीय सेना ने दरबार साहिब पर हमला किया और हजारों निर्दोष सिखों का नरसंहार किया था। पन्नू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि दमन से सिखों की इच्छा को तोड़ा नहीं जा सकता। पन्नू ने कहा कि भारत सरकार ने खालिस्तान जनमत संग्रह को रोकने के लिए हर स्तर पर हर संभव कोशिश की है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

यह भी जानिए
पिछले साल नवंबर में लंदन स्थित क्वीन एलिजाबेथ सेंटर में मतदान प्रक्रिया की शुरुआत में लगभग 30,000 सिख जनमत संग्रह में शामिल हुए थे। इटली के शहर ब्रिक्सिया फोरम, ब्रेशिया में लगभग 40,000 सिखों ने जनमत संग्रह में हिस्सा लिया था। वाशिंगटन डीसी के खालिस्तान परिषद के अध्यक्ष डॉ बख्शीश सिंह संधू ने कहा कि इटली में खालिस्तान जनमत संग्रह पर समग्र मतदान 8 मई को ब्रेशिया में शुरू हुआ और 22 मई को गुरुद्वारा नोवेलारा (रेजियो रिमिलिया) सहित अन्य स्थानों पर भी हुआ। 29 मई को गुरुद्वारा कैसालमोरानो (क्रेमोना) और 12 जून, 2022 को गुरुद्वारा सन्निकंद्रो दी बारी (बारी) में, अब तक 120,000 से अधिक सिख वोट देने के लिए आ चुके हैं। बता दें कि खालिस्तान की मांग करने वाले सिख आंदोलन की जड़ें भारत में जून 1984 की अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई-ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद जोर पकड़ गई थी। 

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