पूर्व सीएम को टॉयलेट और किचन सफाई की सजा, जानिए क्या है फैसला

Published : Dec 02, 2024, 05:59 PM ISTUpdated : Dec 03, 2024, 12:16 AM IST
Sukhbir Singh Badal

सार

बेअदबी मामले में सुखबीर बादल को अकाल तख्त ने गुरुद्वारे में सफाई की सजा सुनाई। 2015 के बेअदबी मामले में राम रहीम का पक्ष लेने पर यह फैसला आया, साथ ही प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम सम्मान वापस।

Sukhbir Singh Badal Toilet cleaning job: पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने बेअदबी मामले में सजा सुनाते हुए गुरुद्वारे में रसोई और बाथरूम की सफाई का काम सौंपा है। अकाल तख्त, सिखों की सर्वोच्च संस्था है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल को 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए यह सजा सुनाई गई है। साथ ही उनके पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम सम्मान वापस ले लिया गया है। यह सजा तब सुनाई गई जब बादल ने अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए अकाल तख्त से बिना शर्त माफ़ी मांगी थी।

अकाल तख्त ने सुनाई क्या सजा, क्या करना होगा बादल को?

अकाल तख्त ने सजा सुनाई कि पूर्व सीएम सुखबीर सिंह बादल को 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक गुरुद्वारा में बाथरूम की सफाई करनी होगी। इसके बाद वह खुद नहाएंगे। फिर लंगर परोसेंगे।

अकाल तख्त ने किया सजा का निर्धारण

सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के लिए सोमवार को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में सिखों के पांच महापुरोहितों ने 'तनखाह (दुराचार के लिए धार्मिक दंड)' की मात्रा की घोषणा की। इसके अलावा जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल कार्यसमिति से बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और छह महीना के भीतर नई कार्यकारिणी के लिए पैनल बनाने को कहा।

अगस्त में बादल को घोषित किया गया था तनखाइया

पूर्व सीएम सुखबीर बादल को बीते अगस्त महीना में तख्त ने तनखाइया घोषित किया था। उन्हें 2007 से 2017 तक पंजाब में सत्ता में रहने के दौरान पार्टी द्वारा की गई गलतियों के लिए धार्मिक दुराचार का दोषी ठहराया गया था। इनमें गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामलों में माफ़ी देना भी शामिल था जिसके कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में डेरा अनुयायियों और सिखों के बीच झड़पें हुई थीं। 2007 में गुरमीत राम रहीम ने सिख गुरुओं की तरह कपड़े पहने थे और एक समारोह किया था जिसके लिए उन्हें अकाल तख्त द्वारा बहिष्कृत कर दिया गया था। सुखबीर सिंह बादल ने कथित तौर पर डेरा प्रमुख को माफी दिलाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था।

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