राहुल गांधी और सोनिया गांधी की फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग, जानिए भोपाल में क्यों उतरे?

बेंगलुरु से लौट रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी मां पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग मंगलवार को करानी पड़ी।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 18, 2023 5:38 PM IST / Updated: Jul 19 2023, 12:29 AM IST

Sonia Gandhi and Rahul Gandhi flight emergency landing: बेंगलुरु से लौट रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी मां पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग मंगलवार को करानी पड़ी। इमरजेंसी लैंडिंग भोपाल में कराई गई। दोनों नेता बेंगलुरू से विपक्षी दलों की मीटिंग से लौट रहे थे। इमरजेंसी लैंडिंग पौने आठ बजे के आसपास कराई गई है। करीब डेढ़ घंटे भोपाल एयरपोर्ट पर रुकने के बाद दोनों रात 9.35 बजे इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

क्यों गांधी परिवार को भोपाल में कराया गया इमरजेंसी लैंडिंग?

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी बेंगलुरू-दिल्ली की फ्लाइट से मंगलवार की शाम को लौट रहे थे। लेकिन अचानक से मौसम बेहद बिगड़ गया। मौसम खराब होने की वजह से पायलट्स ने आगे जाने में असमर्थता जताई। इसके बाद आनन-फानन में फ्लाइट की लैंडिंग भोपाल एयरपोर्ट पर कराई गई। मंगलवार की शाम 7.45 बजे फ्लाइट लैंड हुआ। फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग की सूचना के बाद कांग्रेस के कई नेता एयरपोर्ट पहुंच गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, कुणाल चौधरी, आरिफ मसूद और शोभा ओझा एयरपोर्ट पर पहुंचने वालों में शामिल थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी एयरपोर्ट के वीवीआईपी लाउंज में मौसम सही होने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि, करीब डेढ़ घंटे के बाद दोनों नेता इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

मुंबई में विपक्ष की अगली मीटिंग

बेंगलुरू में आयोजित 26 विपक्षी दलों की मीटिंग का समापन मंगलवार को हुआ। इस मीटिंग में गठबंधन को नाम दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि I-N-D-I-A की अगली मीटिंग मुंबई में आयोजित है। पहली मीटिंग पटना में 23 जून को हुई थी। जबकि दूसरी मीटिंग बेंगलुरू में 17 व 18 जुलाई को आयोजित थी जिसमें गठबंधन को नाम दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि मुंबई में 11 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। खड़गे ने कहा था कि उनकी पार्टी को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष और पार्टी नेता पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग रहे हैं। हम 26 पार्टियां हैं, 11 राज्यों में सरकार में; बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं, उसने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और फिर उन्हें त्याग दिया। उन्होंने कहा कि हमारे आपसी मतभेद हैं लेकिन ये इतने बड़े नहीं हैं कि हम उनको किनारे नहीं रख सकते। आम आदमी के लिए, महंगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं के लिए, गरीबों के लिए अपने मतभेदों को पीछे छोड़ सकते हैं। विपक्ष के किस नेता ने क्या कहापढ़िए पूरी खबर…

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