कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र लिख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन के फैसले का स्वागत करते हुए इसे जरूरी और शानदार कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है।
नई दिल्ली। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्र लिख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन के फैसले का स्वागत करते हुए इसे जरूरी और शानदार कदम बताया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है। बता दें कि देश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इससे पूरे देश में 667 लोग संक्रमित हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ कर 16 हो गई है। इस पर रोक लगाने के लिए पूरे देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। सोनिया गांधी ने इस फैसले को जरूरी बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सभी ईएमआई को 6 महीने के लिए टालने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अवधि के बैंकों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज भी माफ कर देना चाहिए। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट
बता दें कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा से दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखोंलाख लोगों की रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है। बड़े महानगरों में मजदूरी या छोटे-मोटे काम करने वाले लोगों की आमदनी बंद हो गई है और जरूरी सामानों की किल्लत भी उनके सामने पैदा हो गई है। वे वापस अपने घरों को भी नहीं जा सकते, क्योंकि आने-जाने का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। इससे लोग सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। लोगों के सामने भूखों मरने जैसे हालात बनते जा रहे हैं।
गरीबों के लिए राहत पैकेज की मांग
इसे देखते हुए बहुजन समाज पार्टी की सुप्राीमो मायवती ने केंद्र और राज्य सरकारों से गरीबों के लिए राहत पैकेज की मांग की है। मायावती ने आज गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि देश की 130 करोड़ गरीब और मेहनतकश जनता पर 21 दिनों का लॉकडाउन लागू करने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों के लिए उनकी रोजी-रोटी की समस्या को दूर करना बेहद जरूरी है। मायावती ने तत्काल राहत पैकेज की घोषणा किए जाने की मांग की है।
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जन-धन खाताधारकों के अकाउंट में सहायता राशि हस्तांतरित किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार को जल्द से जल्द गरीबों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही, यह देखना चाहिए कि लोगों को जरूरी चीजों की किल्लत नहीं हो।