लोक सभा में 'खम्भा' Episode, स्पीकर क्यों बोले : मैं भी पहले खम्भे के पीछे बैठता था

शून्यकाल के दौरान भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में पैरा-टीचरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार पर शिक्षकों को वेतन नहीं देने का आरोप लगाया। इस पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों में तीखी नोंकझोंक हुई। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 21, 2019 11:16 AM IST / Updated: Nov 21 2019, 04:56 PM IST

नई दिल्ली: भाजपा सांसद राज बहादुर सिंह ने लोकसभा में अपनी सीट खम्भे के पीछे होने का उल्लेख करते हुए खुद को ‘खम्भे का शिकार’ बताया तो स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले वह भी खम्भे के पीछे बैठते थे। दरअसल, शून्यकाल के दौरान सिंह जब बोलने खड़े हुए तो सदन में लगी स्क्रीन पर उनका चेहरा नहीं दिखा । इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं खम्भे का शिकार हूं, दिखता नहीं हूं।’’ इस पर बिरला ने कहा कि पहले मैं भी खम्भे के पीछे बैठता था।

जीरो ऑवर के दौरान उठाए गए कई मुद्दे 

शून्यकाल के दौरान भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में पैरा-टीचरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार पर शिक्षकों को वेतन नहीं देने का आरोप लगाया। इस पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों में तीखी नोंकझोंक हुई। कांग्रेस के हिबी इडेन ने बीएसएनएल के कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ठोस कदम उठाना चाहिए।

कांग्रेस के गुरजीत औजला, शिवसेना के गजानन कीर्तिकर और श्रीकांत शिंदे, भाजपा के अर्जुन सिंह, जसकौर मीणा, धर्मवीर सिंह, गणेश सिंह, एम पटेल और तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी ने अपने क्षेत्रों तथा कई अन्य मुद्दे उठाए।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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