SBI के पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी को बड़ी राहत, Jaisalmer कोर्ट ने दी जमानत, 200 करोड़ के लोन फ्रॉड का है आरोप

Godawan समूह के जुड़े 200 करोड़ रुपए के लोन घोटाले (loan scam) में जैसलमेर पुलिस ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को उनके दिल्ली आवास से गिरफ्तार किया था। समूह ने 2008 में SBI से 24 करोड़ रुपये का लोन होटल बनाने के लिए लिया था। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2021 5:45 PM IST / Updated: Nov 09 2021, 11:19 PM IST

जैसलमेर। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व अध्यक्ष प्रतीप चौधरी (Prateep Chaudhary) को बड़ी राहत मिल गई है। चौधरी को मंगलवार के दिन जैसलमेर की एक अदालत ने जमानत दे दी। प्रतीप चौधरी को धोखाधड़ी से एक होटल बेचने के आरोप में 1 नवंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। जैसलमेर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दलपत सिंह राजपुरोहित ने प्रदीप चौधरी को जमानत दी है। एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष को बीते 31 अक्टूबर को दिल्ली में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। 

इस मामले में हुए थे अरेस्ट प्रदीप चौधरी

Godawan समूह के जुड़े 200 करोड़ रुपए के लोन घोटाले (loan scam) में जैसलमेर पुलिस ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को उनके दिल्ली आवास से गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Godawan समूह ने 2008 में SBI से 24 करोड़ रुपये का लोन होटल बनाने के लिए लिया था। आरोप है कि प्रतीप चौधरी ने 200 करोड़ की प्रॉपर्टी को सिर्फ 25 करोड़ में बेच दिया था। यह प्रॉपर्टी  Godawan समूह  की थी। ग्रुप समय पर लोन चुकता नहीं कर पाया था, जिस पर बैंक ने प्रॉपर्टी सीज कर दी थी। Godawan समूह  ने आरोप लगाया था कि प्रतीप ने मार्केट वैल्यू से कम में उसकी प्रॉपर्टी बेच दी। 2017 मेंअपने कार्यकाल के दौरान चौधरी ने इस प्रॉपर्टी को Alchemist Aseet Reconstruction Company (ARC) को बेच दिया था।

Godawan समूह ने कोर्ट का किया था रुख

इस मामले में Godawan समूह ने कोर्ट में केस लगाया था। प्रतीप चौधरी रिटायर होने के बाद Alchemist Aseet Reconstruction Company (ARC) के डायरेक्टर बन गए थे। चौधरी को रविवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सोमवार को जैसलमेन के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(CJM) की कोर्ट में पेश किया गया था। जैसलमेर की सदर थाना पुलिस ने उसे पकड़ा है। चौधरी ने यह प्रॉपर्टी NPA (Non Performing Asset) के तहत बेच दी थी। इस मामले में आरके कपूर, एसवी वेंकटकृष्णन, शशि मेथादिल, देवेंद्र जैन, तरुण और विजय किशोर सक्सेना के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।

Godawan समूह ने कंस्ट्रक्शन के लिए लिया था लोन

पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, Godawan समूह ने 2008 में अपने होटल के कंस्ट्रक्शन के लिए SBI से 24 करोड़ रुपए का लोन लिया था। उस समय ग्रुप का होटल अच्छा चल रहा था। लेकिन बाद में उसकी माली हालत खराब हो गई। ऐसे में ग्रुप लोन समय पर नहीं चुका पा रहा था। बैंक ने इस ग्रुप के दोनों होटल गैर निष्पादित परिसम्पत्ति (non-performing asset) मानकर जब्त कर लिए थे। तब बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे। प्रतीप ने फ्रॉड करके दोनों होटल सिर्फ 25 करोड़ में उस कंपनी को बेच दिए, जिसके बाद में वे डायरेक्टर बने। इस मामले में जैसलमेर की CJM कोर्ट ने प्रतीप चौधरी की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।

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