लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सुझाव के बाद बिजनेस एडवाइज़री कमेटी ने सांसदों को मिलने वाले सब्सिडी को खत्म करने के लिए चर्चा की थी। जिसके बाद इस सब्सिडी को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। संसद की कैंटीन में खाने की लागत के हिसाब से ही सांसदों को बिल भुगतान करना होगा। इसको लेकर अधिकतर पार्टियों में एकमत हो गया है।
नई दिल्ली. मोदी सरकार 2.0 में लोकसभा में बहुत कुछ बदलाव किया गया है। इसी कड़ी में अब संसद की कैंटीन में सांसदों को मिलने वाली सब्सिडी खत्म होने जा रही है। जिसमें संसद में सांसदों को खाने पर जो छूट मिलती थी, अब वह जल्द ही खत्म कर दी जाएगी। यानी अब संसद की कैंटीन में खाने की लागत के हिसाब से ही सांसदों को बिल भुगतान करना होगा। इसको लेकर अधिकतर पार्टियों में एकमत हो गया है।
स्पीकर ने की थी चर्चा
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सुझाव के बाद बिजनेस एडवाइज़री कमेटी ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। जिसमें सभी पार्टियों ने इस मसले पर सहमति जताई है। अगर संसद की कैंटीन से सब्सिडी को हटा दिया जाता है तो इसमें 17 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी। बता दें कि पिछली लोकसभा में कैंटीन में खाने का दाम बढ़ाया गया था और सब्सिडी का बिल कम कर दिया गया था। लेकिन अब सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी है।
कई बार हुआ है विवाद
संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी कई बार विवादों का हिस्सा रही है। बीते दिनों संसद की कैंटीन की रेट लिस्ट भी वायरल हुई थी। सब्सिडी के तहत देश के सांसदों के संसद की कैंटीन में खाना काफी कम दाम पर मिलता था। बता दें कि 2017-18 तक संसद में चिकन करी 50 रुपये, प्लेन डोसा 12 रुपये, वेज थाली 35 रुपये और थ्री कोर्स लंच 106 रुपये में मिलता था। ये सब्सिडी वाली रेट लिस्ट सिर्फ सांसदो के लिए थी।