मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे सरकार

 सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना वायरस और प्रवासी मजदूरों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार से कड़े कदम उठाने को कहा।

Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2020 10:18 AM IST / Updated: Apr 03 2020, 04:33 PM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना वायरस और प्रवासी मजदूरों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार से कड़े कदम उठाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सरकार अधिकतम कीमत तय करने वाली अधिसूचना का प्रचार प्रसार करे। अगर कोई इसके बावजूद उल्लंघन कर ज्यादा कीमतों पर बेचता है तो ऐसे लोगों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करे। 

इससे पहले सरकार ने कोर्ट में बताया कि मास्क-सैनिटाइजर की कालाबाजारी ना हो इसलिए शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मजदूरों को होटलों में ठहराने की याचिका ठुकराई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को ठुकरा दिया, जिसमें पलायन कर रहे मजदूरों को  होटल, रिसॉर्ट में ठहराने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा, लाखों लोग, लाखों आइडिया दे रहे हैं। सबको नहीं सुन सकते। वहीं, इसके जवाब में सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पलायन कर रहे लोगों को सरकारी इमारतों में उचित मेडिकल सुविधा के साथ ठहराया गया है। राज्य सरकारें ध्यान रख रही हैं।

कुछ लोग एसी कमरों में बैठकर याचिकाएं लगाकर दुकान चलाते हैं- सरकार
उधर, सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाई गई, इसमें मांग की गई है कि लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है, या छोटे धंधे करने वाले लोगों को वेतन या न्यूनतम आमदनी मिले। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।  
 
इस याचिका को लेकर वकील प्रशांत भूषण की दलीलों का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा, "कुछ लोग एसी कमरों में बैठ कर PIL की दुकान चलाते हैं। सरकार खुद मजदूरों की स्थिति पर चिंतित है और सभी जरूरी कदम पर विचार कर रही है।'' 

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