बेंगलुरु टेकी सुसाइड: बच्चे की कस्टडी किसको? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

Published : Jan 20, 2025, 07:33 PM IST
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सार

बेंगलुरु के टेकी अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी निकिता को मिली। सुप्रीम कोर्ट ने दादी की याचिका खारिज कर बच्चे को मां के पास रखने का आदेश दिया।

Atul Subhash son custody: सुसाइड करने वाले बेंगलुरू के टेकी अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी उनकी पत्नी निकिता को दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए चार साल के बच्चे की कस्टडी, दादी को देने से इनकार कर दिया है। सोमवार शाम को कोर्ट ने अहम आदेश दिया। अतुल सुभाष ने दिसंबर 2024 में कथित तौर पर सुसाइड कर ली थी। सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया पर परिजन ने लगाया था।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एससी शर्मा के बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपना निर्णय सुनाया। अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने चार साल के नाती की कस्टडी मांगी थी। सुनवाई के दौरान बेंच ने वीडियो लिंक के माध्यम से बच्चे से बातचीत की है। इसके बाद कोर्ट ने चार साल के बच्चे की कस्टडी उसकी मां निकिता सिंघानिया के पास रखने का आदेश दिया। जस्टिस नागरत्ना ने कहा: मुझे खेद है कि बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कस्टडी के मुद्दे पर पहले निचली अदालत में सुनवाई होनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने एफिडेविट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। लेकिन जस्टिस नागरत्ना ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा: यह हैबियस कॉर्पस याचिका है। हम बच्चे को देखना चाहते हैं। बच्चे को पेश करें। अदालत थोड़ी देर बाद मामले को सुनेगी। 45 मिनट के ब्रेक के बाद बच्चे को वीडियो लिंक पर पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट ने बच्चे की पहचान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिंक को ऑफलाइन कर दिया। फिर उससे बातचीत की।

इसके पहले निकिता सिंघानिया ने कोर्ट को बताया था कि उनका बेटा हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है। उन्होंने कहा: हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हमने बच्चे को स्कूल से निकाल लिया है। मां को जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए बेंगलुरु में रहना होगा।

अतुल केस में निकिता पर है आरोप

अतुल सुभाष सुसाइड केस में निकिता सिंघानिया और उनके परिवारीजन पर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। इसमें सास निशा और भाई अनुराग को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में जमानत दे दी गई।

कोर्ट ने बच्चे के बारे में जानकारी के लिए पुलिस को दिया था आदेश

गिरफ्तारी के बाद अंजू देवी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अपने पोते की कस्टडी की मांग की। याचिका में दावा किया गया कि निकिता और उनके परिवार ने बच्चे के ठिकाने की जानकारी छिपाई। निकिता ने कहा था कि बच्चा उनके चाचा सुशील सिंघानिया के पास है। लेकिन बाद में सुशील ने भी बच्चे की जानकारी होने से इनकार किया। इसके बाद कोर्ट ने कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

पारिवारिक विवाद का विवरण

अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की शादी 2019 में हुई थी। 2020 में बेटे का जन्म हुआ। 2021 में एक विवाद के बाद निकिता ने बेंगलुरु स्थित घर छोड़ दिया। 2022 में उन्होंने अतुल और उनके परिवार पर मामला दर्ज कराया। लगभग दो साल के तनाव के बाद 9 दिसंबर 2024 को अतुल ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने 81 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें निकिता और उनके परिवार पर झूठे मामले दर्ज कर तीन करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया।

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