राजस्थान में सीएम और पू्र्व डिप्टी सीएम के बीच की जंग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। स्पीकर ने पायलट के बागी विधायकों को नोटिस जारी किया, जिसपर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि 24 जुलाई तक बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई न की जाए।
नई दिल्ली. राजस्थान में सीएम और पू्र्व डिप्टी सीएम के बीच की जंग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। स्पीकर ने पायलट के बागी विधायकों को नोटिस जारी किया, जिसपर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि 24 जुलाई तक बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई न की जाए। इसी फैसले के खिलाफ सीपी जोशी ने सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों को खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई करने के लिए याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जल्दबाजी में नहीं हो सकता फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा, इस मामले पर विस्तृत सुनवाई की जरुरत है। जल्दबाजी में फैसला नहीं हो सकता। हरीश साल्वे ने कहा कि हाईकोर्ट में सारे तथ्यों पर बहस हुई है अब फैसले पर रोक नहीं लगनी चाहिए। जबकि कपिल सिब्बल की मांग है कि हाईकोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, नोटिस क्यों दिया गया
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि आखिर विधायकों को नोटिस किस आधार पर दिया गया। स्पीकर का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने कहा कि पायलट गुट के विधायकों की गतिविधियां पार्टी विरोधी लग रही हैं इसलिए नोटिस दिया गया।
हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनाएगा फैसला
स्पीकर के नोटिस विवाद पर राजस्थान हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा, हम हाईकोर्ट को आदेश पर रोक नहीं लगा सकते। हालांकि हाइकोर्ट के किसी आदेश पर अभी अमल नहीं होगा।
"हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे। सोमवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा, हाईकोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसपर सुप्रीम कोर्ट में अमल नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अगली सुनवाई करेगा।
"असंतोष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, असंतोष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। इन विधायकों को भी जनता ने ही चुना है।
कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा सवाल
कोर्ट ने पूछा कि अगर किसी विधायक की याचिका कोर्ट में है तो क्या स्पीकर फैसला ले सकता है। इसपर कपिल सिब्बल ने कहा, कोर्ट दखल दे सकता है, लेकिन स्पीकर के फैसले के बाद दखल देकर समीक्षा की जा सकती है। फिर कोर्ट ने पूछा, हाईकोर्ट में आखिर विधायक क्यों गए थे। कपिल सिब्बल ने कहा, उन्होंने स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी है।
कपिल सिब्बल ने होलोहान केस का हवाला दिया
कपिल सिब्बल ने 1992 के किहोटो होलोहान केस का हवाला दिया है और 10वें शिड्यूल मे दिए गए स्पीकर के आदेश का हवाला दिया है। बता दें कि स्पीकर की तरफ से कपिल सिब्बल दलीलें रख रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ जांच
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जयपुर की एक कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
स्पीकर ने 14 जुलाई को जारी किया था नोटिस
राजस्थान विधानसभा स्पीकर ने 14 जुलाई को सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस के बागी विधायकों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा था कि वे विधायक दल की बैठक में शामिल क्यों नहीं हुए? लगातार दो दिनों तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी।
मामला हाईकोर्ट पहुंचा और 24 जुलाई तक कार्रवाई न करने का आदेश
स्पीकर नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। उसमें कहा गया कि विधानसभा की कार्यवाही नहीं चल रही है ऐसे में व्हिप जारी करने का कोई मतलब नहीं है। स्पीकर ऐसा नहीं कर सकते हैं। फिलहाल राजस्थान हाईकोर्ट 24 जुलाई को स्पीकर के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर बड़ा फैसला सुना सकती है।
कोर्ट में स्पीकर ने क्या तर्क दिया?
विधानसभा स्पीकर ने वकील सुनील फर्नांडिस के जरिए याचिका में कहा, अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा है।