Electoral Bonds: SC ने इलेक्टोरेल बॉन्ड मामले में SBI को लगाई फटकार, कहा-'कुछ भी छिपाया न जाए चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी डिटेल का करें खुलासा'

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI के तरफ से दी गई आधी-अधूरी जानकारी उसके लिए मुसीबत बनते जा रही है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर बैंक को एक बार फिर खरी-खोटी सुनाई है।

sourav kumar | Published : Mar 18, 2024 7:18 AM IST / Updated: Mar 18 2024, 12:56 PM IST

इलेक्टोरल बॉन्ड मामला। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आज सोमवार (18 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सारी डिटेल बताने का निर्देश दिया है। SC ने अपने निर्देश में कहा है कि बैंक उन सारी डिटेल को सार्वजनिक करें, जिनमें उन व्यक्तियों और कंपनियों के नाम है, जिन्होंने देश के पॉलिटिकल पार्टियों को चंदा दिया है। सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे डीवाई चंद्रचूड़ की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि बैंक की तरफ से दी जाने वाली जानकारियों में बॉन्ड का नंबर भी शामिल होना चाहिए।

SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी आधी-अधूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को साझा की थी। इसके खिलाफ दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर रही थी। इस दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा, "हम चाहते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए जो आपके पास है।" कोर्ट ने जानकारी साझा करने के संबंध में SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा को गुरुवार (21 मार्च) शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें लिखित में तौर पर जानकारी न छुपाने की बात शामिल हो। इसके अलावा SC ने चुनाव आयोग से यह भी कहा कि वह SBI से डिटेल हासिल करने के बाद इसे चुनाव आयोग के साइट पर अपलोड करें।

SC ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम किया रद्द

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने बीते महीने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसके अलावा उन्होंने इससे संबंधित SBI बैंक को पिछले पांच सालों में दिए गए दान पर सभी जानकारी साझा करने का निर्देश दिया था। SC ने बैंक को नोटिस जारी कर कहा था कि उन्होंने जो डेटा साझा किया है, वो अधूरा है। सुप्रीम कोर्ट ने SBI को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि आपका रवैया ऐसा ऐसा लगता है जैसे आप हमें बताएं कि क्या खुलासा करना है, हम खुलासा करेंगे'। ये बिलकुल सही नहीं है। जब हम सभी जानकारी की बात करते हैं तो उसमें वो सारी जानकारियां आ जाती है, जो डेटा से जुड़ी हुई है। इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कुछ भी दबाया न जाए।”

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