सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में राहुल को मिली सजा पर रोक लगा दी है। इससे उनकी संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।
नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस (Modi surname case) में मिली सजा के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें मिली सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक अपील लंबित है तब तक सजा पर रोक है। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्णेश मोदी की ओर से सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने पैरवी की।
राहुल गांधी को 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने 'मोदी' उपनाम के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके चलते राहुल की संसद सदस्यता खत्म हो गई थी। राहुल गांधी ने इसके खिलाफ पहले सूरत के अपर कोर्ट में फिर गुजरात हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन राहत नहीं मिली। गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी।
क्या है मोदी सरनेम मामला?
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में रैली करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "इन सब चोरों के नाम मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। खोजने पर और भी बहुत सारे मोदी मिलेंगे।"
इस बयान के खिलाफ देशभर में राहुल गांधी के खिलाफ कई केस दर्ज कराए गए। गुजरात के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने भी राहुल के खिलाफ शिकायत की थी। पूर्णेश मोदी की शिकायत पर 23 मार्च को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और उन्हें अधिकतम दो साल कैद की सजा सुनाई थी।