अस्पताल से बच्चा चोरी हुआ तो तत्काल होगा लाइसेंस रद्द, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, यूपी सरकार को फटकार

Published : Apr 15, 2025, 03:58 PM IST
Supreme Court news on child trafficking

सार

Child Trafficking: सुप्रीम कोर्ट ने नवजात बच्चा चोरी और तस्करी पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी अस्पतालों को चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि डिलीवरी के बाद बच्चा गायब हुआ तो अस्पताल की जिम्मेदारी तय होगी और उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा। 

Child Trafficking cases: सुप्रीम कोर्ट ने नवजात बच्चों की तस्करी या चोरी के मामलों में सख्त आदेश दिए हैं। नवजात बच्चा तस्करी के एक मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए एपेक्स कोर्ट ने कुछ आवश्यक आदेश दिए हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर किसी अस्पताल से बच्चा चोरी होता है या नवजात की तस्करी होती है तो उसका लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाए। डिलीवरी के बाद बच्चा गायब होता है तो अस्पताल की जवाबदेही होगी।

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को नवजात तस्करी के एक मामले की सुनवाई कर रहा था। यूपी के एक कपल ने चार लाख रुपये में चोरी का बच्चा खरीदा था। तस्करों ने नवजात को उस दंपत्ति को बेचा था क्योंकि उनको बेटा चाहिए था। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया।

सभी राज्यों को छह महीने में ऐसे मामलों को निपटाने का आदेश

सु्प्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि देश के सभी हाईकोर्ट्स को आदेश दिया कि वह अपने-अपने राज्यों में बच्चों की तस्करी से जुड़े पेंडिंग मामलों की स्टेटस रिपोर्ट मंगवाए। इन सभी मामलों की सुनवाई छह महीने में पूरी करें। ऐसे केसों की सुनवाई हर रोज होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बच्चा खरीदने वाले दंपत्ति को भी फटकारा। बेंच ने कहा कि अगर बेटा चाहिए तो इसका मतलब यह नहीं कि आप किसी दूसरे का बच्चा चोरी कराकर खरीदें। आपको पता है कि बच्चा चोरी का है तो उसे अपनाया कैसे?

हाईकोर्ट को नसीहत देते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपी समाज के लिए खतरा हैं। बेल देते वक्त कम से कम यह तो सुनिश्चित करना चाहिए था कि आरोपी हर सप्ताह थाने में हाजिरी लगाए। अब पुलिस आरोपियों का पता नहीं लगा पा रही। यह कितनी बड़ी लापरवाही है। इसके अलावा कोर्ट ने राज्य सरकार को भी फटकारा। सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि इतने गंभीर मामले में आपने अपील करना मुनासिब नहीं समझा। आखिर क्यों अपील नहीं की गई। हम राज्य सरकार से बेहद निराश हैं। लेकिन अब आदेश का पालन करने में गंभीरता नहीं दिखायी गई तो हम इसे अदालत की अवहेलना मानेंगे।

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