स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य के रूप में पट्टाभिषेक पर SC ने लगाई रोक

आदि शंकराचार्य ने उत्तर में बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठ, पश्चिम में द्वारका के शारदा पीठ, पूर्व में पुरी में गोवर्धन पीठ और कर्नाटक के चिक्कमगलूर जिले में श्रृंगेरी शारदा पीठम में चार मठों की स्थापना की थी। बीते दिनों द्वारका शारदा पीठ व बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य रहे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ब्रह्मलीन होने के बाद उनके दो शिष्यों को दोनों मठों का शंकराचार्य घोषित किया गया था। 

Dheerendra Gopal | Published : Oct 15, 2022 11:23 AM IST / Updated: Oct 15 2022, 10:26 PM IST

Badrinath Jyotish Peeth Shankaracharya coronation: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी घोषित किए गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ का नया शंकराचार्य बनाए जाने पर रोक लगा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में स्थित ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने यह रोक लगाई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सूचना के बाद पारित किया है। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने एफिडेबिट दायर किया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में नियुक्ति का समर्थन नहीं किया है।

Latest Videos

शंकराचार्य की नियुक्ति पर सुनवाई कर रहा सुप्रीम कोर्ट

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ में ब्रह्मलीन शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी के विवाद पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने का झूठा दावा किया था। यह मामला 2020 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। याचिका में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने का एक जानबूझकर प्रयास किया गया है कि इस अदालत के समक्ष कार्यवाही निष्फल हो जाए और एक व्यक्ति जो योग्य नहीं है, अपात्र है, वह अनधिकृत रूप से पद ग्रहण कर ले।

याचिका में अविमुक्तेश्वरानंद के कार्यभार संभालने पर रोक की मांग

याचिका में बताया गया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य के रूप में पट्टाभिषेक से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश से रोके। उनके द्वारा गलत तरीके से उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज दाखिल किए जा रहे हैं। आरोप लगाया कि नए शंकराचार्य की नियुक्ति पूरी तरह से झूठी है क्योंकि यह नियुक्ति की स्वीकृत प्रक्रिया का पूर्ण उल्लंघन है।

पीठ को बिना शंकराचार्य के नहीं रखा जा सकता

उधर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सनातन धर्म के विद्वानों ने पीठ के शंकराचार्य को लेकर चिंता जताई है। हिन्दू विद्वानों के अनुसार शंकराचार्य के बिना कोई पीठ नहीं रह सकती। दरअसल, शंकराचार्य हिंदू धर्म की अद्वैत वेदांत परंपरा में मठों के प्रमुखों को कहा जाता है। यह हिंदू समाज के सबसे बड़े धर्मगुरू माने जाते हैं। आदि शंकराचार्य ने उत्तर में बद्रीकाश्रम ज्योतिष पीठ, पश्चिम में द्वारका के शारदा पीठ, पूर्व में पुरी में गोवर्धन पीठ और कर्नाटक के चिक्कमगलूर जिले में श्रृंगेरी शारदा पीठम में चार मठों की स्थापना की थी। बीते दिनों द्वारका शारदा पीठ व बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य रहे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ब्रह्मलीन होने के बाद उनके दो शिष्यों को दोनों मठों का शंकराचार्य घोषित किया गया था। 

यह भी पढ़ें:

राजीव गांधी के हत्यारे समय से पहले होंगे रिहा? सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 अक्टूबर तक टाली

Big News: चार पहिया में बैठने वाले सभी के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य, 1 नवम्बर से सीटबेल्ट नहीं बांधने पर कार्रवाई

Share this article
click me!

Latest Videos

जन्म-जयंती पर शत-शत नमनः भगत सिंह को लेकर PM मोदी ने क्या कुछ कहा...
Israel Hezbollah War: कौन है Nasrallah ? जिसकी Death खबर पढ़ते ही रोने लगी Lebanon एंकर । Viral
Nasrallah की मौत पर राहुल गांधी से लेकर महबूबा मुफ्ती तक सब को सुना गए हिमंता बिस्वा सरमा, पूछा सवाल
Israel Hezbollah War: Nasrallah की मौत पर सीरिया में कुछ जगह क्यों मनाया जा रहा जश्न?
उप मुख्यमंत्री के दबंग और नाबालिग बेटे का टशन, पुलिस के सामने बनाया रील