Survey: हर महीने दर्द और ऐंठन से गुजरती हैं कई महिलाएं, पीरियड्स के दाग की चिंता से नहीं आती नींद..

एक सर्वे में आया है कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान रात को ठीक से सो नहीं पाती हैं। दाग लगने का डर सतता रहता है। इस दौरान दर्द, ऐंठन भी लगभग सभी महिलाओं को सताता है। सर्वे 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग छह हजार महिलाओं पर कराया गया था। 

Moin Azad | Published : May 28, 2022 1:27 PM IST

नई दिल्लीः मासिक धर्म (Periods) के दौरान महिलाओं को कई चिंताएं सताती हैं। गंदे सार्वजनिक शौचालय, नींद में खलल और ऐंठन जैसी समस्याओं से महिलाओं को चिड़चिड़ाहट होती रहती है। इस पर एक सर्वेक्षण कराया गया। सर्वे में 35 से अधिक शहरों से 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग छह हजार महिलाओं को शामिल किया गया। इसके अनुसार, 53.2 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे अपने पीरियड्स के पहले दो दिनों के दौरान अच्छी नींद नहीं ले पाती हैं। इसके अलावा, 67.5 प्रतिशत प्रतिभागी अपनी माहवारी के दौरान सोते समय दाग लगने के डर को लेकर चिंतित रहती हैं। 28 मई को मनाए जाने वाले 'World Menstrual Hygiene Day 2022' ' से पहले महिला स्वच्छता ब्रांड, एवरटीन द्वारा कराए गए मासिक धर्म स्वच्छता सर्वेक्षण में ये बातें सामने आई हैं।

गंभीर दर्द का करना पड़ता है सामना
सर्वे में पाया गया कि 57.3 प्रतिशत महिलाओं ने मासिक धर्म संबंधी मध्यम से गंभीर ऐंठन का अनुभव किया, जबकि 37.2 प्रतिशत महिलाओं को मासिक धर्म में हल्का या कभी-कभी दर्द होता था। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि 62.2 प्रतिशत महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने किसी ऑफिस, मॉल या सिनेमा हॉल के सार्वजनिक शौचालय में सैनिटरी पैड कभी नहीं बदला है। इसमें कहा गया है कि 74.6 फीसदी महिलाएं सार्वजनिक शौचालय में अपना सैनिटरी पैड बदलने में असहज महसूस करती हैं और 88.3 फीसदी का मानना है कि गंदे शौचालय मूत्र नलिका के संक्रमित होने (यूटीआई) का स्रोत हो सकते हैं।

Latest Videos

3.2% बच्चियों को 8 वर्ष की उम्र में ही आ जाते हैं पीरियड्स
सर्वेक्षण में मासिक धर्म शुरू होने की औसत उम्र और अवधि के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। 79.3 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने 12 वर्ष या उससे अधिक की उम्र में अपने पहले मासिक धर्म का अनुभव किया, जबकि 63.1 प्रतिशत ने उन लड़कियों के बारे में बताया जिनका अभी-अभी मासिक धर्म शुरू हुआ, जिन्हें वे जानती थीं। इनमें 37.5 प्रतिशत लड़कियों का मासिक धर्म 11 वर्ष या उससे कम आयु में शुरू हुआ। सर्वेक्षण से पता चलता है कि लड़कियों को अब केवल 8 (3.2 प्रतिशत) या 9 वर्ष (4.8 प्रतिशत) की उम्र में मासिक धर्म हो रहा है।

शौचालयों की सफाई बड़ी चिंता
पैन हेल्थकेयर के सीईओ चिराग पण ने कहा कि इस साल का एवरटीन सर्वेक्षण अनुसंधान समुदाय, उद्योग जगत और नीति निर्माताओं के लिए ऐक्शन में मददगार हो सकता है। उन्होंने कहा, 'हम सार्वजनिक शौचालयों के स्वच्छता मानक और मूल्यांकन स्थापित करने के लिए सूक्ष्म-अर्थव्यवस्था की नीतियों में अधिक ध्यान दे सकते हैं ताकि महिलाएं संक्रमण के डर के बिना सैनिटरी पैड बदलने के लिए उनका उपयोग कर सकें। एवरटीन के निर्माता, वेट एंड ड्राई पर्सनल केयर के सीईओ हरिओम त्यागी ने कहा, 'वर्षों से, हमारे सर्वेक्षणों से पता चला है कि मासिक धर्म को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और वर्जनाओं को तोड़ा जा रहा है। भारतीय महिलाएं पारंपरिक आवरण से बाहर निकल रही हैं और एक पूर्ण स्त्री स्वच्छता व्यवस्था को स्वीकार कर रही हैं। लेकिन हमें अभी एक लंबा रास्ता तय करना है।'

Share this article
click me!

Latest Videos

हिजबुल्लाह-ईरान के सीने पर मौत का वार कर रहा इजराइल, क्या है इस देश का सुपर पावर
सावित्री जिंदल से भी अमीर है एक बंदा, जानें हरियाणा चुनाव में कौन है 10 सबसे अमीर प्रत्याशी?
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024
हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद 7 दिन में ही पैदा हो गए 100 'नसरल्लाह' । Nasrallah
20 सबसे यंग चेहरे, जो हरियाणा चुनाव 2024 में बड़े-बड़ों को देंगे मात!