Republic day : बंगाल सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को नहीं भेजा निमंत्रण

पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोह(Republic day) से भी राजनीति दूर नहीं रह सकी है। बंगला सरकार ने सुवेंदु अधिकारी को इसमें निमंत्रण नहीं भेजा। सरकार का तर्क है कि कोरोना की वजह से कम लोगों को बुलाया गया है।

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के बीच तनातनी जगजाहिर है। लेकिन गणतंत्र दिवस समारोह में भी इसका असर दिखाई देगा, किसी ने सोचा नहीं था। पश्चिम बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोह(Republic day) से भी राजनीति दूर नहीं रह सकी है। बंगला सरकार ने सुवेंदु अधिकारी को इसमें निमंत्रण नहीं भेजा। सरकार का तर्क है कि कोरोना की वजह से कम लोगों को बुलाया गया है।

मंत्रियों को भी नहीं बुलाया
सुवेंदु अधिकारी को गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं बुलाए जाने का मामला जब तूल पकड़ा, तो ममता सरकार ने तर्क दिया कि कोरोना महामारी के चलते समारोह बेहद छोटे स्तर पर आयोजित करना पड़ा है। इसमें बहुत कम लोगों को आमंत्रित किया गया। बताया जाता है कि मुख्य समारोह में राज्य के ज्यादातर मंत्रियों को भी निमंत्रण नहीं भेजा गया है। समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा राज्य के संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन, परिवहन मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और 14 देशों के राष्ट्रदूत उपस्थित रहेंगे।

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सिर्फ 30 मिनट का रखा गया कार्यक्रम
कोरोना संक्रमण के चलते बंगाल में गणतंत्र दिवस समारोह सिर्फ 30 मिनट का रखा गया। इसमें सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पूरे शहर में कड़ी सुरक्षा रखी गई। सुरक्षा कारणों से रेड रोड से सटे इलाकों को 11 जोन में बांटा गया। हरेक जोन का प्रभारी डीसी रैंक का एक अधिकारी बनाया गया। वहीं, हर जोन को कई सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा के इंतजाम किए गए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार रेड रोड के आसपास 5 बालू बैंकर बनाए गए। 9 मंडलों में 26 पीसीआर वैन तैनात की गईं। निगरानी के लिए 6 वॉच टावर्स बनाए गए।

सुवेंदु के बारे में 
कभी सुवेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन्होंने 27 नवंबर,2020 को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वे नंदीग्राम से ममता के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। सुवेंदु अधिकारी को जनाधार वाले एक प्रभावशाली नेता के तौर पर जाना जाता है। सुवेंदु ने कांथी पीके कॉलेज से स्नातक में ही राजनीतिक जीवन में कदम रखा था। वो 1989 में छात्र परिषद के प्रतिनिधि चुने गए। सुवेंदु 36 साल की उम्र में पहली बार 2006 में कांथी दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे।

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