तालिबान ने हमारे बाल काटे, हमें जेलों में ठूंसा गया; अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक होना गुनाह

अफगानिस्तान में फंसे 55 सिखों का एक जत्था रविवार को दिल्ली पहुंचा। इन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा एक विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाया गया है। इनमें 38 वयस्क, 17 बच्चे और तीन नवजात शिशु शामिल हैं। कई सिखों ने तालिबान के जुल्म की दास्तां बयां की है।

नई दिल्ली/काबुल। अफगानिस्तान में फंसे 55 सिखों का एक जत्था रविवार को दिल्ली पहुंचा। इन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा एक विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाया गया है। इनमें 38 वयस्क, 17 बच्चे और तीन नवजात शिशु शामिल हैं। सिखों से भरा ये विमान 25 सितंबर को ‘इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद वहां के अल्पसंख्यकों (हिंदू-सिखों) पर कट्टर इस्लामी बेइंतहा जुल्म कर रहे हैं। यही वजह है कि तालिबान की सत्ता आने के बाद वहां से लगातार अल्पसंख्यकों का पलायन जारी है। 

मुझे 4 महीने तक जेल में रखा : 
काबुल से दिल्ली लौटे 55 सिखों के जत्थे में से एक ने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले जुल्म की दास्तां सुनाई। बलजीत सिंह ने सिखों पर तालिबान के अत्याचारों का खुलासा करते हुए बताया- अफगानिस्तान में मुझे चार महीने तक जेल में डाल दिया गया था। यहां तक कि उन्होंने जेल में हमारे केश तक काट दिए थे। वहां अल्पसंख्यक होना गुनाह है। अब मैं भारत और अपने धर्म में लौटने के बाद बेहद खुश हूं। 

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ई-वीजा की सुविधा के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद : 
वहीं अफगानिस्तान से भारत लौटने वाले एक और सिख मनसा सिंह ने भारत लौटने पर पीएम मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा- मैं भारत सरकार और पीएम मोदी को ई-वीजा की सुविधा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने भारत लौटने में हमारी बहुत मदद की। बता दें कि मनसा सिंह काबुल के गुरुद्वारे में सेवादार थे। 

30-35 लोग अब भी अफगानिस्तान में फंसे : 
एक और सिख सुखबीर सिंह खालसा ने बताया-  हम में से कई लोगों के परिवार अब भी वहां छूट गए हैं। अफगानिस्तान में अभी हमारे 30-35 लोग फंसे हुए हैं। हम मोदी सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमें तत्काल वीजा दिया भारत पहुंचने में हमारी मदद की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान में 2020 में करीब 700 हिंदू थे। हालांकि तालिबान के कब्जे के बाद ज्यादातर सिख देश छोड़ चुके हैं। 

सांसद विक्रमजीत सिंह ने कहा धन्यवाद : 
पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने ट्वीट करते हुए  भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा- काबुल, जलालाबाद में फंसे 55 सिख परिवार रविवार को सुरक्षित दिल्ली आ गए हैं। ई-वीजा की सुविधा के लिए मैं भारत सरकार का बहुत आभारी हूं। इसके साथ उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भी धन्यवाद दिया। 

हमने 543 सिख-हिंदुओं का पुनर्वास किया : 
सांसद विक्रमजीत सिंह ने कहा- हम लोग ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’कार्यक्रम के तहत अब इन सभी का पुनर्वास करेंगे। हमारे संगठन ने अफगानिस्तान से आए 543 सिखों और हिंदू परिवारों को सभी सुविधाएं देकर पश्चिमी दिल्ली में उनका पुनर्वास किया है। बता दें कि इससे पहले 3 अगस्त, 2022 को 28 सिखों को जत्था भारत पहुंचा था। 

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