मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बेंच ने जे.जयललिता की मौत की जांच करने संबंधी सीबीआई या अन्य ऐसी किसी एजेंसी को लगाने की मांग को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
Jayalalithaa death case: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता के मौत मामले में सीबीआई जांच की अपील करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। एक कॉरपोरेट अस्पताल में 2016 में जे.जयललिता की मौत हो गई थी। मौत की सीबीआई जांच के लिए जनहित याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा था। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है।
किसने दायर की थी जयललिता के मौत की जांच की याचिका?
सामाजिक व आध्यात्मिक कार्यकर्ता आरआर गोपालजी ने मद्रास हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर पूर्व सीएम जे.जयललिता की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी। याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा व जस्टिस डी कृष्णकुमार ने सुनवाई की है। सुनवाई करते हुए बेंच ने जे.जयललिता की मौत की जांच करने संबंधी सीबीआई या अन्य ऐसी किसी एजेंसी को लगाने की मांग को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
450 पन्नों वाली रिपोर्ट से राज्य की राजनीति गरमा गई थी...
दरअसल, जे.जयललिता की मौत की जांच रिटायर्ड जस्टिस ए.अरुमुघस्वामी का पैनल कर रहा था। बीते दिनों अरुमुघस्वामी की 450 पन्नों की रिपोर्ट तमिलनाडु विधानसभा में पेश की गई थी। इस एक सदस्यीय आयोग की स्थापना पांच साल पहले 2017 में, एडप्पाडी पलानीसामी और ओ पनीरसेल्वम गुट के बीच विलय के बाद हुई थी। आयोग ने अपनी जांच के दौरान तमाम लोगों से पूछताछ की। शशिकला ने बेंगलुरू जेल से आयोग को पत्र लिखकर जयललिता के साथ किए जा रहे व्यवहार के संबंध में उसके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए थे। आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि जयललिता और शशिकला के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे। अम्मा की मौत को नेचुरल डेथ की बजाय इसे क्राइम मानकर जांच कराई जाए। कमेटी ने उनकी मौत की डिटेल इन्वेस्टिगेशन की सिफारिश भी की है। 5 दिसंबर 2016 को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जयललिता का निधन हो गया था। वे करीब 2 महीने तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया था। उनकी मौत सीएम रहते हुई थी। जयललिता के बीमार पड़ने से उनका निधन होने तक शशिकला उनके साथ मौजूद थीं। इस खबर की डिटेल पढ़िए...
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