तमिल सुपरस्टार विजय ने कहा- हमें CAA नहीं मंजूर, राज्य सरकार तमिलनाडु में नहीं होने दे लागू

Published : Mar 12, 2024, 06:01 PM ISTUpdated : Mar 12, 2024, 06:03 PM IST
Thalapathy Vijay Selfie: Pictures of Tamil superstar that went viral since his song 'Selfie Pulla'

सार

तमिल सुपरस्टार विजय ने कहा कि CAA उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार से कहा है कि इसे राज्य में लागू नहीं होने दें। 

चेन्नई। तमिल सुपरस्टार विजय ने कहा कि CAA (Citizenship Amendment Act) हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार से कहा कि इसे राज्य में लागू नहीं होने दें। केंद्र सरकार ने CAA पड़ोस के तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) में उत्पीड़न के चलते भागकर आने वाले वहां के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए लेकर आई है। सोमवार को केंद्र सरकार ने इसे लागू किया था।

विजय ने पिछले महीने TVK (Tamizha Vetri Kazhagam) नाम की पार्टी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि सीएए को "विभाजनकारी राजनीति" के कारण लागू किया जा रहा है। CAA 2019 जैसे नए कानून को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत के लोग सामाजिक सद्भाव के साथ रहते हैं। CAA से इसे खतरा हो सकता है। तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि CAA राज्य में लागू नहीं हो।

बता दें कि आम चुनाव से पहले अस्तित्व में आने के बाद भी विजय की टीवीके पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। यह उनकी पार्टी का पहला चुनाव होगा।

कमल हासन ने कहा- सरकार कर रही लोगों को बांटने की कोशिश

दक्षिण के एक और फिल्म स्टार व नेता कमल हासन ने भी सीएए का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश चुनाव से पहले लोगों को बांटने की है। भारत के सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। हासन ने कहा, "लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा सरकार ने जल्दबाजी में CAA लागू किया है। इसकी अधिसूचना का समय संदिग्ध है। सुप्रीम कोर्ट इस कानून की संवैधानिक वैधता का निर्धारण कर रहा है।"

यह भी पढ़ें- CAA का वेब पोर्टल लॉन्च, नागरिकता पाने के लिए यहां अप्लाई कर सकते हैं 6 अल्पसंख्यक

बता दें कि कमल हासन की पार्टी मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) ने कांग्रेस और डीएमके के साथ गठबंधन किया है। CAA के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन या ईसाई लोगों को भारत की नागरिकता दी जा सकती है। भारत की नागरिकता सिर्फ उन्हें मिलेगी जो धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले भारत आए थे।

यह भी पढ़ें- CAA को लेकर ममता बनर्जी ने बोला बीजेपी पर हमला, कहा-नागरिकता अधिकार छीनने की साजिश कर रही मोदी सरकार

PREV

Recommended Stories

राजकोट में दर्दनाक हादसाः गौशाला में जहरीला चारा खाने से 70 से ज्यादा गायों की मौत
केरल में NDA की शानदार जीत से गदगद हुए पीएम मोदी, बोले- थैंक्यू तिरुवनंतपुरम