
T Raja Singh Resignation: तेलंगाना बीजेपी (Telangana BJP) में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर मचा घमासान अब खुलकर सामने आ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और गोशामहल से तीन बार के विधायक टी राजा सिंह (T Raja Singh) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे का कारण एन. रामचंदर राव (N Ramchander Rao) को संभावित प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें बताई गई हैं।
टी राजा सिंह ने बीजेपी तेलंगाना अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को लिखे पत्र में कहा कि यह फैसला मेरे लिए ही नहीं बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और वोटरों के लिए भी झटका और निराशा है जिन्होंने हर परिस्थिति में पार्टी का साथ दिया।
राजा सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोग व्यक्तिगत हितों के लिए केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह कर पर्दे के पीछे से निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्य से, कुछ लोग… केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं। इससे जमीनी कार्यकर्ताओं का बलिदान और पार्टी की संभावनाएं दोनों ही कमजोर हो रही हैं।
राजा सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और संगठन महासचिव बीएल संतोष (BL Santhosh) से अपील करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व तेलंगाना में अध्यक्ष के चयन पर पुनर्विचार करे। टी.राजा सिंह ने लेटर में लिखा कि कई सीनियर नेता और निर्वाचित प्रतिनिधि इस पद के योग्य हैं, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए पार्टी को संकट में डाल रहे हैं।
बीजेपी छोड़ने के बावजूद राजा सिंह ने कहा कि मैं हिंदुत्व की विचारधारा और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित रहूंगा।
बीजेपी ने रविवार को तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। बीजेपी के राज्य चुनाव अधिकारी एंदला लक्ष्मीनारायण ने बताया कि नामांकन 30 जून को दोपहर 2 से 4 बजे तक दाखिल किए जाएंगे और नाम वापसी का समय शाम 4 से 5 बजे तक रहेगा। केंद्रीय रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगी। अध्यक्ष पद की दौड़ में राज्यसभा सांसद के. लक्ष्मण (K Laxman), लोकसभा सांसद ईटाला राजेंदर (Eatala Rajender), डी. अरविंद (D Arvind) और एन. रामचंदर राव के नाम शामिल हैं लेकिन अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की सोशल जस्टिस नीति और हालिया जाति सर्वे के जवाब में बीजेपी पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।