तीनों आतंकवादियों के कब्जे से एक एके-47 राइफल और 2 पिस्तौल बरामद किया गया है। ADGP कश्मीर ने एक ट्वीट में कहा- मारे गए आतंकवादियों में दो की पहचान शोपियां के लतीफ लोन और अनंतनाग के उमर नजीर के रूप में हुई है।
श्रीनगर(Srinagar). दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के मुंझ मार्ग इलाके में मंगलवार (20 दिसंबर) तड़के हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन स्थानीय आतंकवादी को मार गिरा गया है। ADGP कश्मीर ने एक ट्वीट में कहा कि मारे गए आतंकवादियों में दो की पहचान शोपियां के लतीफ लोन और अनंतनाग के उमर नजीर के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि लोन कश्मीरी पंडित पुराण कृष्ण भट की हत्या में शामिल था। वहीं, नजीर नेपाल के तिल बहादुर थापा की हत्या में वांटेड था। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादियों के कब्जे से एक एके-47 राइफल और दो पिस्तौल बरामद किए गए हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही(19 दिसंबर) केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि सशस्त्र बलों की कार्रवाई के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 168 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि सरकार ने टेरर फाइनेंसिंग के मामलों में 94 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को सजा दिलाई है। ठाकुर ने यहां अपने आवास पर मीडिया को जारी एक विस्तृत बयान में कहा, "भारत सरकार का पॉलिसी फोकस 'आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस' है।"
आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सरकार के प्रयासों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां सरकार ने UAPA को मजबूत करके कानूनी मोर्चे पर काम किया, वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सही मायने में संघीय ढांचा देकर बड़े स्तर पर भी कदम उठाए। एनआईए (संशोधन) अधिनियम की शुरुआत और इन उपायों का सामूहिक प्रभाव टेरर इकोसिस्टम को कमजोर करना था। केंद्रीय मंत्री ने कहा-“बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से बार-बार आतंकवाद के खिलाफ सरकार का संकल्प प्रदर्शित किया गया है।"
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत ने हाइएस्ट ग्लोबल लेवल्स पर अपनी चिंताओं को उठाया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और बैठकों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए दबाव डाला। ठाकुर ने कहा कि 90वीं इंटरपोल महासभा में 2000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया और 'आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई' की घोषणा की।
उत्तर पूर्व में शांति का माहौल बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तार से बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “2014 के बाद से भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में शांति के युग की शुरुआत हुई है। उग्रवाद की हिंसा में 80 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई है और नागरिक मृत्यु में 89 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 2014 के बाद से 6000 आतंकवादियों द्वारा आत्मसमर्पण एक बड़ी उपलब्धि है। ठाकुर ने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों (एलडब्ल्यूई) की क्षमताओं को कम करने के सरकार के प्रयासों से हिंसक घटनाओं में 265 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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