
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने श्रीनगर से जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश नाम के एक आतंकवादी को पकड़ा है। ये आतंकी दिल्ली ब्लास्ट केस के मास्टरमाइंड और आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी का साथी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाल किला ब्लास्ट से पहले इन आतंकियों की मॉडिफाइड ड्रोन के जरिये पूरी दिल्ली को दहलाने की प्लानिंग थी।
एनआईए के मुताबिक, जसीर बिलाल आतंकियों की टेक्निकल सपोर्ट में मदद करता था। दिल्ली ब्लास्ट से पहले इनकी ड्रोन को हथियार बनाकर बड़े हमले की तैयारी थी। जांच एजेंसी के मुताबिक, ये हमला 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमास के हमले की तर्ज पर किया जाना था। इस हमले में हमास के आतंकियों ने ड्रोन को विध्वंस और विनाश के मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था।
एनआईए को इस बड़े खतरे का पता तब चला, जब उसने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ काम करने वाले एक दूसरे आतंकी जसीर बिलाल को गिरफ्तार किया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि दानिश ने ड्रोन को मॉडिफाइ किया और रॉकेट बनाने की भी कोशिश की। वो आतंकियों को हर तरह की तकनीकी मदद उपलब्ध कराता था। एनआईए ने कहा कि अनंतनाग जिले का यह संदिग्ध आतंकी सफेदपोश मॉड्यूल और उसके आत्मघाती हमलावर नबी द्वारा किए गए हमले के पीछे एक सक्रिय सह-साजिशकर्ता के रूप में काम कर रहा था। वह सभी पहलुओं की जांच कर रही है और कई सुरागों का पता लगा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, दानिश ने बड़ी बैटरियों से लैस शक्तिशाली ड्रोन बनाने की कोशिश की थी, जो कैमरों के साथ भारी बम भी ले जा सकें। उसे छोटे हथियारबंद ड्रोन बनाने का एक्सपीरियंस भी है। आतंकी मॉड्यूल ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए भीड़भाड़ वाले इलाके में एक हथियारबंद ड्रोन भेजने की योजना बनाई थी। हमास और सीरिया के कई आतंकी गुटों ने हमलों में इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया है।
बता दें कि जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहनेवाला है। आरोपी इस हमले का सक्रिय सह-साजिशकर्ता था। इससे पहले एनआईए ने दिल्ली से आतंकी आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया था। आमिर वही है, जिसकी i20 कार उमर उन नबी ने दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की थी। राशिद अली भी जम्मू-कश्मीर का रहनेवाला है।