कोरोना वायरस की जंग लड़ रहे भारत में दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। DGCI ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह ऐलान किया कि देश में सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।
नई दिल्ली. साल शुरू होते ही भारत में एक स्वेदशी और एक विदेशी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी मिलने के बाद आज बड़ा ऐलान किया गया है। कोरोना वायरस की जंग लड़ रहे भारत में दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। DGCI ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह ऐलान किया कि देश में सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है। DGCI के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि 1 और 2 जनवरी को सबजेक्ट कमेटी ने बैठक की थी और दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की सिफारिश की थी जिसके बाद सीरम इंस्टिट्यूट के कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिल गई है।
DCGI के निदेशक ने बताया कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका इस्तेमाल इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सकेगा। DCGI के मुताबिक दोनों ही वैक्सीन की दो दो डोज इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। इन दोनों वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के तापमान में सुरक्षित रखा जा सकेगा। DCGI की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इसी हफ्ते से वैक्सीनेशन ड्राइव भी शुरू हो जाएगा। तैयारियों को परखने के लिए पूरे देश में इसके लिए वैक्सीनेशन ड्राई रन भी शुरू हो चुका है।
पीएम मोदी बोले हर भारतीय के लिए गर्व के बात
DCGI द्वारा दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि देश में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिया जाना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
सीरम इन्स्टीट्यूट के सीईओ ने किया पीएम मोदी को धन्यवाद
वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और लिखा, 'सभी को नया साल मुबारक! आखिरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर जो जोखिम उठाए आज उसका फल मिल गया। आने वाले हफ्तों में कोविशील्ड इस्तेमाल के लिए उपलब्ध रहेगी।'
ये है कोवैक्सीन की खासियत
कोवैक्सिन के फेज-2 क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजे 23 दिसंबर को सामने आए थे। ट्रायल्स 380 सेहतमंद बच्चों और वयस्कों पर किए गए। 3 माइक्रोग्राम और 6 माइक्रोग्राम के दो फॉर्मूले तय किए गए। दो ग्रुप्स बनाए गए। उन्हें दो डोज चार हफ्तों के अंतर से लगाए गए। फेज-2 ट्रायल्स में कोवैक्सिन ने हाई लेवल एंटीबॉडी प्रोड्यूस की। दूसरे वैक्सीनेशन के 3 महीने बाद भी सभी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी की संख्या बढ़ी हुई दिखी। ट्रायल के नतीजों के आधार पर कंपनी का दावा है कि कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहती है। एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है। कंपनी का दावा है कि फेज-3 के लिए देशभर में सबसे ज्यादा 23 हजार वॉलंटियर्स पर ट्रायल हुआ।
कोवीशील्ड के ट्रायल में आए ये नतीजे
कोवीशील्ड के क्लीनिकल ट्रायल्स के एनालिसिस से बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं। वॉलेंटियर्स को पहले हॉफ डोज दिया और फिर फुल डोज। किसी को भी हेल्थ से जुड़ी कोई गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली है। जब हॉफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% मिली। एक महीने बाद उसे पूरा फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो इफिकेसी 62% रही। दोनों ही तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। सभी नतीजे आंकड़ों के लिहाज से खास हैं। इफिकेसी जानने के लिए वैक्सीन लगाने के एक साल बाद तक वॉलेंटियर्स के ब्लड सैम्पल और इम्युनोजेनिसिटी टेस्ट किए जाएंगे। इंफेक्शन की जांच के लिए हर हफ्ते सैम्पल लिए जा रहे हैं। कोवीशील्ड अन्य वैक्सीन के मुकाबले सस्ती भी है।
3 करोड़ लोगों को फ्री में लगाई जाएगी वैक्सीन: स्वास्थ्य मंत्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पहले कहा कि कोरोना वैक्सीन पूरे देश में फ्री होगी। फिर डेढ़ घंटे बाद बोले कि पहले फेज में यह 3 करोड़ लोगों के लिए फ्री मिलेगी। इनमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीनेशन करने वाली टीम में 5 सदस्य होंगे।