मैं अंधा हूं, फिर भी वह मुझे मारते रहे... JNU हॉस्टल में रहने वाले छात्र ने कुछ यूं बयां किया दर्द

जेएनयू परिसर में हुए हिंसा की घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाले एक नेत्रहीन छात्र ने अपना दर्द बयां किया है। छात्र ने कहा कि अंधा होने की बात बताने के बावजूद नकाबपोशों ने उसकी पिटाई की। बताया जा रहा कि विवाद की शुरूआत रविवार शाम 3.30 बजे से शुरू हुई

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 1:23 PM IST

नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के कैंपस में रविवार की शाम सैकड़ों की संख्या में नकाबपोशों हमलावरों ने जमकर उत्पात मचाया। जिसमें शिक्षकों और छात्रों की पिटाई की गई थी। जेएनयू के छात्रावासों के कमरे में तोड़फोड़ भी की गई। इस घटना के शिकार जेएनयू हॉस्टल में रहने वाले एक नेत्रहीन छात्र ने अपना दर्द बयां किया है। छात्र ने कहा कि अंधा होने की बात बताने के बावजूद नकाबपोशों ने उसकी पिटाई की।

विरोध ने लिया हिंसा का रूप 

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जेएनयू में अक्टूबर महीने से ही प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को लेकर विवाद हो रहा है। छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन विवादों के बीच रविवार को जेएनयू के हॉस्टल हिंसा के मैदान में बदल गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे पहले दोपहर में पेरियार छात्रावास में छात्रों के दो गुटों के बीच झड़पें हुईं और शाम में साबरमती छात्रावास को भीड़ ने निशाना बनाया।

दोपहर 3.30 बजे से शुरू हुआ विवाद 

पेरियार छात्रावास में रहने वालों के अनुसार दोपहर लगभग 3.30 बजे बाहर झड़प हुई। स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि उनके साथ एबीवीपी के कुछ सदस्यों ने मारपीट की थी और उसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कैंपस में एक मार्च निकाला गया था। छात्रों ने दावा किया कि वे पेरियार छात्रावास पहुंचे, यहां “कई एबीवीपी छात्र रहते हैं”। इस दौरान यहां अंदर से उन पर पत्थर फेंके गए। 

पत्थर फेंकने के वजह से बढ़ा विवाद 

एक छात्र ने बताया, “पत्थर फेंकने की वजह से दोनों पक्षों के बीच एक घंटे तक संघर्ष हुआ। मैंने एक समूह को एबीवीपी के एक छात्र की पिटाई करते देखा। कुछ लोग हॉस्टल में भी चले गए। हालांकि इस समय किसी ने अपने चेहरे पर नकाब नहीं पहन रखा था।” सोमवार को गेट पर सुरक्षा गार्ड के केबिन की कांच की दीवार चकनाचूर दिखाई दी।

माही मांडवी छात्रावास में रहने वाले एक छात्र ने दावा किया कि शाम 4:30 के आसपास 40 से 50 की संख्या में छात्र वहां आए। वे सभी नकाब पहने हुए थे और उनके हाथों में डंडा था। छात्रों ने बताया कि बेरहम नकाबपोशों ने किसी भी छात्र को नहीं छोड़ा। जानकारी के मुताबिक हथियारों से लैस हमलावरों ने दृष्टिहीन छात्र को भी नहीं बख्शा।  

यह है पूरा मामला

जेएनयू परिसर में छात्रों द्वारा फीस बढोत्तरी का विरोध किया जा रहा है। वहीं, सेमेस्टर परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है। बताया जा रहा कि फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे छात्रों ने सर्वर रूम को लॉक कर दिया। जिसके बाद से छात्रों के बीच विवाद शुरू हुआ और हिंसा का रूप ले लिया। 

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