Tomato change the destiny of Farmer: पढ़ाई में मन नहीं लगता लेकिन माता-पिता के दबाव में स्कूल जाते। हाईस्कूल तक किसी तरह पहुंचे। हाईस्कूल में फेल हो गए। नौकरी कहीं मिलती नहीं। जीवन की गाड़ी को खींचने के लिए किसानी का फैसला किया। हालांकि, यह और भी कठिन काम था। मेहनत और लागत तो अधिक लेकिन रिटर्न न के बराबर। धान की खेती से कोई खास लाभ न था। लेकिन कहते हैं न किस्मत एक दिन पलटती जरुर है। टमाटर की कीमत ऐसी चढ़ी कि मानों कारु का खजाना ही हाथ लग गया। डेढ़ महीना में ही पौने दो करोड़ रुपये कमा लिया और खेतों में अभी भी 40 प्रतिशत टमाटर बचे हैं।