कौन हैं मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले राजीव चंद्रशेखर, डिजिटल इंडिया के हैं सबसे बड़े समर्थक

टेक्नोलॉजी मैन राजीव चंद्रशेखर ने नई दूरसंचार पॉलिसी एनटीपी 99 को लागू कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे सेलुलर उद्योग के विकास को गति मिली। यही नहीं इन्होंने टेलीकॉम रेगुलेशन के लिए स्वतंत्र नियामक इकाई ट्राई के गठन में अहम भूमिका निभाई। 

(तस्वीर - मोदी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेते हुए राजीव चंद्रशेखर)

नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट के दूसरा विस्तार बुधवार को हुआ। 43 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। जनहित और देशहित के तमाम बड़े मुद्दों पर करीब डेढ़ दशक से आवाज बुलंद करने वाले 3 बार से राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर भी अब मोदी कैबिनेट का हिस्सा होंगे। उन्होंने भी पद और गोपनीयता की थपथ ली। बता दें, 90 के दशक में कैलिफोर्निया से भारत लौटे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चंद्रशेखर टेलीकॉम सेक्टर को भारत में खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। 

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हार्वर्ड और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में की है पढ़ाई

तीन बार से संसद सदस्य श्री चंद्रशेखर विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज के वाइस चेयरमैन हैं। एमआईटी मणिपाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई और इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी शिकागो से कंप्यूटर साइंस में एमएस करने कने वाले राजीव चंद्रशेखर ने करियर की शुरूआत कैलिफोर्निया में इंटेल की माइक्रोप्रोसेसर टीम में सीनियर डिजाइन इंजीनियर और सीपीयू आर्किटेक्ट के रूप में की थी। 

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, विश्वेश्वरैया यूनिवर्सिटी, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी व इंटेल यूनिवर्सिटी से कई विशिष्ट डिग्रियां प्राप्त कर चुके चंद्रशेखर ने विदेशों में नौकरी के बाद भारत आने का फैसला किया। एक टेक इंटरप्रेन्योर के रूप में भारतीय टेलीकॉम सेक्टर को बूस्टअप करने के लिए काम किया। 1991 में बीपीएल मोबाइल की नींव रखी। 12 सालों तक टेलीकॉम सेक्टर में एक अग्रदूत की तरह काम करते हुए इस क्षेत्र में निवेश और निर्माण से सेलुलर नेटवर्क को मजबूती प्रदान की।

ट्राई के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही

टेक्नोलॉजी मैन राजीव चंद्रशेखर ने नई दूरसंचार पॉलिसी एनटीपी 99 को लागू कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे सेलुलर उद्योग के विकास को गति मिली। यही नहीं इन्होंने टेलीकॉम रेगुलेशन के लिए स्वतंत्र नियामक इकाई ट्राई के गठन में अहम भूमिका निभाई। टेलीकॉम सेक्टर के बाद इन्होंने 2006 में प्राइवेट इक्विटी निवेशक के रूप में जुपिटर कैपिटल की स्थापना की और अध्यक्ष के रूप में मीडिया के क्षेत्र में कई सफल ब्रांड और फ्रेंचाइजी में निवेश किया तथा निर्माण किया। 

राजनीतिक सफर

15 सालों से राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर संसद के सक्रिय सदस्यों में से एक हैं। मई 2006 में पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। सांसद रहते हुए वह वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य, लोक लेखा समिति (पीएसी), डेटा संरक्षण बिल के लिए बनी संयुक्त समिति के सदस्य, आईटी सलाहकार समिति के सदस्य, विदेशी मामलों के लिए भारतीय परिषद के सदस्य आदि विभिन्न महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में रहे। 

जनप्रतिनिधि के रूप में काम करने के साथ साथ संगठन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहे।  बीजेपी में 2010 में विजन 2025 कमेटी के संयोजक बनाए गए। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चंद्रशेखर 2016 में एनडीए केरल के उपाध्यक्ष रहे, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मीडिया एवं कम्यूनिकेशन इंजार्च रहे। वह 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी मेनीफेस्टो कमेटी के थे तो 2021 के पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी थे। यही नहीं फिक्की के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष रहे हैं। देश के एक महत्वपूर्ण अभियान ‘हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय गठबंधन’ के संयोजक भी हैं। 

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को सबसे पहले उठाया

राजीव चंद्रशेखर ने 2007 में सबसे पहले टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले को उठाया। संसद से लेकर हर प्लेटफार्म पर घोटाले से संबंधित डाक्यूमेंट्स को रखा। इसके अलावा आईटी एक्ट 66ए के खिलाफ पीआईएल दाखिल कर उसको सुप्रीम कोर्ट तक ले गया। नेट न्यूट्रिलिटी का मुद्दा भी जनहित में उठाते हुए मीडिया का ध्यान इस गंभीर मसले पर ले गया। 

देश के कई जनोपयोगी और संवेदनशील मुद्दों की सशक्त आवाज

आधार में गोपनीयता का मामला हो या 2010 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकिंग एनपीए से जुड़ा मसला, उन्होंने सबसे सशक्त तरीके से उठाया। बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय सुधार और आरबीआई की इसके लिए नीतियां बनवाने में सहयोग किया। 

सैनिक हितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी

वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे को उठाने के साथ ही सशस्त्र सेनाओं व उनके परिवारों को वोटिंग का अधिकार दिलाने के लिए प्रयास किया और अंततः इसमें सफलता भी हासिल हुई। 

शहीदों को सम्मान के लिए वार मेमोरियल
संसद सदस्य रहते हुए 2007 से शहीद सैनिकों के सम्मान में नेशनल वार मेमोरियल के लिए आवाज उठाने वाले राजीव चंद्रशेखर को 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद सफलता मिली। पीएम मोदी ने बंगलुरू में मिलिट्री वार मेमोरियल की घोषणा की। 2009 में कारगिल विजय दिवस मनाने के लिए आवाज बुलंद की तो सरकार ने विजय दिवस को हर साल मनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की और अब हर साल कारगिल विजय दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। 

डिजिटल इंडिया के सबसे बड़े समर्थक

रेरा, जीएसटी की सेलेक्ट कमेटियों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संसद सदस्य राजीव चंद्रशेखर भारत में डिजिटल इंडिया के सबसे बड़े समर्थक और मजबूत प्रवक्ता हैं। भारत में टेलीकॉम क्षेत्र में आई क्रांति के लिए बनाई गई डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करवाने में भूमिका निभाई। 

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