कृषि बिलों पर अब RLP ने छोड़ा साथ , 2014 के बाद ये 19 पार्टियां NDA से आईं बाहर, 3 की हुई वापसी

कृषि बिलों पर किसानों और विपक्ष का विरोध झेल रही भाजपा को एक और झटका लगा है। कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के बाद अब राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने एनडीए से बाहर आ गई है। आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने इसका ऐलान किया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2020 3:30 PM IST / Updated: Dec 26 2020, 09:01 PM IST

नई दिल्ली. कृषि बिलों पर किसानों और विपक्ष का विरोध झेल रही भाजपा को एक और झटका लगा है। कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के बाद अब राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने एनडीए से बाहर आ गई है। आरएलपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने इसका ऐलान किया। हालांकि, भाजपा पर इसका कोई बड़ा फर्क होता नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमुख कारण है कि एनडीए और भाजपा का चुनावों में प्रदर्शन। हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव में भी चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था। लेकिन इसके बावजूद भाजपा और जदयू अन्य छोटे दलों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। 
 


2014 से इन पार्टियों ने छोड़ा भाजपा का साथ

हरियाणा जनहित कांग्रेस: पार्टियों के एनडीए छोड़ने का सिलसिला 2014 लोकसभा चुनाव के बाद ही शुरू हो गया था। लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप विश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया था। 

एमडीएमके : भाजपा को दूसरा झटका तमिलनाडु से लगा था। यहां एमडीएमके ने दिसंबर में एनडीए से बाहर निकलने का फैसला किया था। 

डीएमडीके: इसके बाद तमिलनाडु की डीएमडीके, जिसने 14 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, वह भी एनडीए से बाहर आ गई।

पीएमके : 2016 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले पीएमके ने एनडीए से बाहर आने का ऐलान किया था। 

जन सेना पार्टी : आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में एक्टर पवन कल्याण की पार्टी जन सेना पार्टी एनडीए से अलग हो गई। हालांकि,  इस साल पार्टी ने फिर से एनडीए का दामन थाम लिया है। 

2016 में केरल की दो पार्टियों ने छोड़ा साथ : 2016 में केरल की रेवोल्यूशनरी सोशल पार्टी (आरएसपी) और जनाधिपत्य राष्ट्रीय सभा ने एनडीए छोड़ने का ऐलान किया। 

स्वाभिमानी पक्ष : 2017 में महाराष्ट्र की स्वाभिमानी पक्ष ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया। 
 



2018 में कई पार्टियों ने छोड़ी एनडीए

हिंदुस्तान आवाम मोर्चा : 2018 में बिहार में भाजपा की सहयोगी और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन का दामन थामन लिया था। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में वे फिर एनडीए से चुनाव लड़े। 

15 साल पुराने एनपीएफ ने छोड़ा साथ : फरवरी 2018 में भाजपा की नगालैंड में 15 साल पुरानी नागा पीपल्स फ्रंट ने एनडीए से बाहर आने का ऐलान किया। हालांकि, एनपीएफ के बागियों ने बाहर निकलकर एनडीपी का गठन किया, जो राज्य में भाजपा के साथ सत्ता में है। 

आंध्र में जब चंद्रबाबू नायडू ने छोड़ा साथ : मार्च 2018 में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर भाजपा की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी ने एनडीए छोड़ने का ऐलान किया। इसी के चंद्रबाबू नायडू की सरकार से भाजपा विधायकों ने मंत्रिपद से इस्तीफा दिया। वहीं, एनडीए सरकार से टीडीपी के सांसदों ने इस्तीफा दे दिया। 

गोरखा जनमुक्ती मोर्चा: इसी महीने बंगाल में गोरखा जनमुक्ती मोर्चा ने एनडीए से समर्थन वापस ले लिया। 

केपीजेपी : इसके बाद कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक की केपीजेपी पार्टी ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस-जेडीएस का दामन थाम लिया। 

आरएलएसपी : दिसंबर में बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने एनडीए से बाहर आकर यूपीए में जाने का ऐलान किया। 

वीआईपी : इसके बाद मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी ने भी विपक्ष का दामन थामा। हालांकि, 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में वे भाजपा के साथ फिर आ गए। 

जम्मू कश्मीर: भाजपा ने पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लिया: जम्मू कश्मीर में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी। लेकिन जून 2018 में भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लग गया था।   
 



2019 में इन पार्टियों ने छोड़ा साथ

- आजसू: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सुदेश महतो की पार्टी आजसू ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया।
शिवसेना : इसके बाद 2019 नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के बाद भाजपा की 30 साल पुरानी सहयोगी शिवसेना ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया। शिवसेना ने कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी एनसीपी के साथ सरकार बनाई।
 



2020 में ये पार्टियां आईं बाहर

- कृषि कानूनों को लेकर भाजपा की एक और पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से बाहर आने का ऐलान किया। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया। 

- राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी : कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एनडीए से बाहर आने का फैसला किया। 

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