Interview: Thiruvananthapuram gold smuggling case की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने तोड़ी चुप्पी

स्वप्ना ने कहा कि मैं उसके साथ ईमानदार थी। आज भी मैं उन्हें सर ही बुलाती हूं। जब मैंने खुद को टीवी पर देखा तो मैं चौंक गई। मैनें क्या किया है। मैंने उस पर भरोसा किया और कभी नहीं सोचा था कि वह विश्वास के साथ विश्वासघात करेगा।

तिरुवनंतपुरम। सोना तस्करी (Thiruvananthapuram gold smuggling case) मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) इन दिनों जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है। राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी में कथित भूमिका के लिए जेल में बंद होने के बाद कुछ महीने पहले स्वप्ना जमानत पर रिहा हुई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को उनकी पुस्तक में दावा करने के लिए फटकार लगाई कि उन्होंने उन्हें धोखा दिया है। 

AsianetNews के साथ एक विशेष साक्षात्कार में स्वप्ना सुरेश ने कहा कि "अगर वह एक छोटी किताब लिखते हैं, तो मैं केवल शिवशंकर और मुझपर एक बड़ी किताब लिख सकती हूं। उन्हें इस तरह की किताब कभी नहीं लिखनी चाहिए, यह एक सस्ता काम है।" स्वप्ना सुरेश ने कहा कि वह किताब पढ़ने के बाद एशियानेट न्यूज से बात करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मैं जानती हूं कि वह सब कुछ जानता है। मैंने जांच एजेंसियों को बता दिया है।"

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बता दें कि यह आरोप ऐसे समय में आया है जब शिवशंकर ने अपनी आत्मकथा 'अश्वथामावु: वेरुम ओरु आना' (अश्वत्थामा सिर्फ एक हाथी है) प्रकाशित की है। प्रख्यात प्रकाशक डीसी बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक के शनिवार को बाजार में आने की उम्मीद है। स्वप्ना ने जुलाई 2020 से शिवशंकर के खिलाफ आरोप लगाते हुए मामले की शुरुआत की। उसने दावा किया कि शिवशंकर तीन साल तक उसके परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य था और उसका परिवार उसके साथ बहुत खुला था।

 

मैं उसके साथ ईमानदार थी
स्वप्ना ने कहा, "मैं उसके साथ ईमानदार थी। आज भी हूं। मैं उसे केवल सर कहती हूं। जब मैंने खुद को टीवी पर देखा तो चौंक गई। मैंने क्या किया? मैंने उसपर भरोसा किया और कभी नहीं सोचा था कि वह मुझे धोखा देगा। मैंने सुना है कि इस मामले में एनआईए लाने के पीछे का मास्टर ब्रेन शिवशंकर था। तस्करी का मामला एनआईए के तहत नहीं आता है। यह विशुद्ध रूप से सीमा शुल्क का मामला है। एनआईए आया और यह आतंकवाद का मामला बन गया। विश्वसनीय सूत्रों ने मुझे बताया कि ऐसा इसलिए किया गया था कि मैं उसके खिलाफ मुंह नहीं खोलूंगी।"

उन्हें हमारे रिश्ते पर विचार करना चाहिए था
स्वप्ना ने कहा, "उन्हें इस तरह के आरोप लगाने से पहले हमारे रिश्ते पर विचार करना चाहिए था।" उन्होंने कहा कि शिवशंकर को उनके जीवन के बारे में सब कुछ पता था, जिसमें 5 जुलाई तक यूएई वाणिज्य दूतावास में hanky-panky गतिविधियां भी शामिल थीं। पूरे मामले में खुद को पीड़ित बताते हुए स्वप्ना ने कहा कि रिमांड कैदी के रूप में उनके पति जयशंकर सहित सभी ने उन्हें छोड़ दिया था, जबकि मामले के अन्य आरोपियों ने उनके साथ छेड़छाड़ की और उनका शोषण किया।

हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कार्यकारी सचिव स्वप्ना के साथ संबंधों के लिए अपने पद से निष्कासित किए गए शिवशंकर ने हाल ही में कहा था कि उसने उसे एक महंगा मोबाइल फोन उपहार में देकर धोखा दिया था। शिवशंकर ने कथित तौर पर अपनी किताब में यह भी लिखा है कि अपराध में स्वप्ना की संलिप्तता ने उन्हें झकझोर दिया था।

मिला था 30 किलो सोना 
बता दें कि 5 जुलाई, 2020 को सीमा शुल्क विभाग ने तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक सोने की तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ किया था। एयर कार्गो टर्मिनल पर राजनयिक सामान से 30 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। खेप को संयुक्त अरब अमीरात से राजनयिक सामान के साथ छिपाकर लाया गया था। राजनयिक सामान होने के चलते विएना कन्वेंशन के अनुसार इसकी पहले कड़ी तलाशी नहीं हुई थी, नहीं तो सोना पहले ही पकड़ा जाता। सोने की इस बरामदगी ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था।

 

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