मानवता की मिसाल: हर रोज 10 गरीबों को खाना खिला रहा यह चायवाला

पिछले कुछ महीनों से जहां पूरा देश कोरोना महामारी के चलते तमाम समस्याओं से जूझ रहा है, वहीं, मुसीबत के इस समय में मानवता को पेश करने वाली कहानियां भी सामने आई हैं। इसी तरह से केरल के कलूर में एक छोटी सी चाय की दुकान भी इस सिद्धांत पर चल रही है कि जितना हो सके दूसरों की मदद करें।

Asianet News Hindi | Published : Nov 24, 2020 7:02 AM IST / Updated: Nov 24 2020, 12:39 PM IST

कोच्चि. पिछले कुछ महीनों से जहां पूरा देश कोरोना महामारी के चलते तमाम समस्याओं से जूझ रहा है, वहीं, मुसीबत के इस समय में मानवता को पेश करने वाली कहानियां भी सामने आई हैं। इसी तरह से केरल के कलूर में एक छोटी सी चाय की दुकान भी इस सिद्धांत पर चल रही है कि जितना हो सके दूसरों की मदद करें। इस दुकान को चलाने वाले 56 साल के ओए शमसुद्दीन अपने भाई की मदद से हर दिन 10 असहाय लोगों को फ्री खाना खिलाते हैं। 

होटल सुबह 6 बजे से शाम 3 बजे तक खुलता है। हालांकि, होटल लॉकडाउन के वक्त कुछ महीनों के लिए बंद रहा। इसके बावजूद वे स्पॉन्सर्स की मदद से लोगों को फ्री में खाने खिलाते रहे। शमसुद्दीन के मुताबिक, स्पॉन्सर एक हफ्ते पहले ही पैसे दे देते हैं। लेकिन जिस दिन कोई स्पॉन्सर नहीं मिलता है, उस दिन वे खुद अपने पैसे से लोगों को खाना खिलाते हैं। 

अब मदद के लिए आगे आ रहे लोग

शमसुद्दीन ने बताया, हमने इसे कभी अतिरिक्त बोझ नहीं माना। रोज के खर्चे पूरे करने के बाद जो पैसे बचते हैं, उनसे हम फ्री में खाना देने की व्यवस्था करते हैं। हालांकि, अब लोग हमारी मदद करने के लिए आगे आने लगे हैं। 

उन्होंने बताया, उनका रेस्टोरेंट 1984 से चल रहा है। पहले उनके पिता इसी इलाके में स्टेशनरी की दुकान चलाते थे। वे अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा दूसरों की मदद में लगा देते थे, इसलिए उन्हें दुकान में काफी नुकसान हुआ। इसके बावजूद उनके बेटों ने लोगों की मदद करना नहीं छोड़ा। शमसुद्दीन ने बताया कि उनके पिता के निधन के बाद उन्होंने रेस्टोरेंट की शुरुआत की। 

ज्यादातर ग्राहक गरीब

नजर ने बताया, एक प्लेट खाने की कीमत 40 रुपए है। पहले यह 35 थी। लेकिन महामारी के चलते कीमतें बढ़ानी पड़ी। हालांकि, फिर भी उन्होंने यह सुनिश्चित किया, कि कीमत सस्ती ही रहे। नजर ने बताया, उनके यहां ज्यादातर खाने वाले लोग ऑटोरिक्शा चालक ही होते हैं, जो खाने के लिए संघर्ष करते हैं। 

एक भाई को हो गया था कोरोना
पिछले दो महीनों में काफी परेशानियों के बावजूद वे हर रोज गरीबों को खाना खिला रहे हैं। हाल ही में शमसुद्दीन को भी कोरोना हो गया था। उन्होंने कहा, इस समय में जिन लोगों ने हमारी मदद की वह रेस्टोरेंट के लिए आशीर्वाद की तरह है। अब दोनों भाई रेस्टोरेंट में अच्छी सुविधाएं भी करना चाहते हैं। 

Share this article
click me!