सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले(Ramdas Athawale) ने कहा है कि बच्चों में विकलांगता का जल्द पता लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए 6 महीन की उम्र होने बाद उनका मेडिकल चेकअप अवश्य कराएं। आठवले नवी मुंबई में राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन कर रहे थे।
मुंबई. बच्चों में विकलांगता(disability) का पता करने के लिए 6 महीन की उम्र के बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया जाना चाहिए। यह बात सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले(Ramdas Athawale) ने कही। वे नवी मुंबई में राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन कर रहे थे। अठावले ने कहा कि बच्चों में विकलांगता का शीघ्र पता लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिससे हम उन्हें शीघ्र सहायता दे सकें और उनका सर्वोत्तम विकास सुनिश्चित कर सकें।
दिव्यांगों के लिए आरक्षण बढ़ाया
अठावले ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन 7 राष्ट्रीय संस्थानों और 7 समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में स्थित 14 क्रॉस-डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर पहले से ही कार्यरत हैं। दिव्यांगजन हमेशा से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सुलभ भारत अभियान की शुरुआत की है, जिससे दिव्यांगजन के लिए भवन सुलभ हो सके। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अंतर्गत दिव्यांगजनों के मौजूदा प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण की सीमा को 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया गया है, जबकि उच्च शिक्षा में उनके लिए आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 5% कर दिया गया है।
दिव्यांगों के लिए टोल फ्री सेवा
कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए 13 भाषाओं में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा 24x7 टोल-फ्री मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन हेल्पलाइन किरण (1800-599-0019) की शुरुआत की गई है।
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक कोलकाता में आयोजित हुए कार्यक्रम में शामिल हुईं, जहां नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर लोकोमोटर डिसेबिलिटीज (दिव्यांगजन) की दो इमारतों का उद्घाटन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए भौमिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगजनों को दिव्यांग का नाम देकर सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि एनआईएलडी, कोलकाता की इमारतों से दिव्यांगजनों के समावेशी विकास करने में मदद मिलेगी।
लगातार बढ़ रहीं सुविधाएं
नवी मुंबई के एनआईईपीआईडी, सिकंदराबाद के क्षेत्रीय केंद्र का नवनिर्मित 5 मंजिला भवन 14.67 करोड़ रुपये की लागत से 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना हुआ है। इस भवन का निर्माण जी +5 मंजिलों में किया गया है जिसमें विशेष स्कूल, प्रारंभिक हस्तक्षेप, चिकित्सा, कौशल प्रशिक्षण, पुस्तकालय, सम्मेलन कक्ष, प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास, परिवारिक कॉटेज, राहत देखभाल युनिट, स्टाफ क्वार्टर सहित कुल 56 कमरे हैं। यह इमारत पूर्ण रूप से सभी दिव्यांगजनों के लिए आसान पहुंच वाली सुविधाएं प्रदान करती है।
यह भवन मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन, व्यवहार संशोधन, अभिभावक परामर्श, विशेष शिक्षा मूल्यांकन और प्रोग्रामिंग, उपचारात्मक शिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास, प्रारंभिक हस्तक्षेप, व्यावसायिक चिकित्सा सेवाओं जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा। एनआईईपीआईडी क्षेत्रीय केंद्र, नवी मुंबई के नए भवन के परिचालन सहायता के माध्यम से महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और राजस्थान राज्यों में बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यांगों के लिए अपनी सेवाओं और आउटरीच कार्यक्रमों का विस्तार करने में सक्षम होगा।
एनआईएलडी, कोलकाता में नवनिर्मित 3 मंजिला छात्रावास भवन 10.35 करोड़ रुपये की लागत से 2869 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है। भवन में 104 लोगों के बैठने की क्षमता वाले डाइनिंग हॉल के साथ 114 बेड और किचन वाले 57 कमरों की व्यवस्था है। एनआईएलडी, कोलकाता का नवनिर्मित 3 मंजिला शैक्षणिक भवन 10.35 करोड़ रुपये की लागत से 2256 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बना हुआ है। इस भवन में यूजी कक्षाओं में 110 लोगों के बैठने की क्षमता वाले 04 बड़े क्लासरूम, पीजी कक्षाओं में 20 लोगों के बैठने की क्षमता वाले 04 छोटे क्लासरूम, 02 फैकल्टी रूम और 220 लोगों की क्षमता वाले परीक्षा हॉल की व्यवस्था है।
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