दरअसल, सीबीआई ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में टीआरपी घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में टीआरपी घोटाले का एक मामला सामने आया था। एडवरटाइजिंग कंपनी गोल्डन रैबिट के सीईओ कमल शर्मा ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस मामलें एफआईआर दर्ज कराई थी।
लखनऊ. महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) का घोटाला सामने आया है। दरअसल, सीबीआई ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में टीआरपी घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में टीआरपी घोटाले का एक मामला सामने आया था। एडवरटाइजिंग कंपनी गोल्डन रैबिट के सीईओ कमल शर्मा ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में इस मामलें एफआईआर दर्ज कराई थी।
यूपी पुलिस ने कंपनी के सीईओ कमल की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ आपराधिक साजिश, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए टीआरपी में धोखाधड़ी, अमानत में खयानत (Breach of Trust) के आरोपों में IPC की धाराओं 468, 465, 463, 420, 409, 406, 120 B के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। अब इसी एफआईआर के आधार पर योगी सरकार ने टीआरपी घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है जिसपर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
आरोपी को साथ ले गई थी मुंबई की क्राइम ब्रांच
मालूम हो कि इसी महीने की 13 अक्टूबर को मुंबई की क्राइम ब्रांच ने यूपी के मिर्जापुर जिले से टीआरपी घोटाले के एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच आरोपी को आगे की पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई थी। मिर्जापुर एएसपी सिटी संजय वर्मा ने बताया था कि जिले के कछवां थाना क्षेत्र के तुलापुर गांव निवासी विनय वर्मा मुंबई में हंसा कंपनी में ऑपरेटर के तौर पर काम करता था। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण वह परिवार के साथ मुंबई से अपने गांव तुलापुर लौट गया था।
लोगों के सेट टॉप बॉक्स से करता था छेड़छाड़
दरअसल क्राइम ब्रांच ने उस पर आरोप लगाया है कि वह लोगों के घर में मौजूद सेट टॉप बॉक्स में किसी खास तरह की मशीन लगाकर विशेष चैनलों को देखने के लिए कहता था। इसके बदले वह लोगों को लुभावने ऑफर भी बताता था। इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम मिर्जापुर पहुंची थी।