
Trump H1B Visa Indian Tech Workers Impact: H-1B वीज़ा, भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और अमेरिकी सपना – यह तीनों शब्द हमेशा एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। लेकिन हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प के 100,000 डॉलर वीज़ा फीस प्रस्ताव ने हज़ारों भारतीयों की ज़िंदगी को हिला दिया है। कई लोगों ने अपनी शादियाँ टाल दीं, कई परिवार टूट गए और विदेश में फंसे लोग उलझन में पड़ गए। भले ही बाद में व्हाइट हाउस ने कुछ सफाई दी, लेकिन तब तक भावनात्मक और आर्थिक नुकसान हो चुका था।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक सरकारी फैसला आपकी पूरी ज़िंदगी बदल सकता है? यही हाल हुआ भारतीय H-1B वीज़ा धारकों के साथ। ट्रम्प प्रशासन ने अचानक घोषणा की कि अमेरिका में लौटने वाले वीज़ा धारकों को $100,000 फीस देनी होगी। इतनी बड़ी रकम की खबर सुनते ही टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने के लिए कह दिया।
सोचिए, आप अपनी शादी की तैयारी में हों और अचानक सूचना मिले कि आपको तुरंत अमेरिका लौटना है, वरना आपकी नौकरी चली जाएगी। यही स्थिति कई भारतीयों के साथ हुई। एक यूज़र ने रेडिट पर लिखा- “मेरी मां रो रही थीं क्योंकि हम सालों बाद एक हफ़्ता साथ बिताने वाले थे, लेकिन अब सब खत्म हो गया।” यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हज़ारों भारतीयों की है।
अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को तुरंत वापसी का आदेश दिया। इस बीच एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने अपनी उड़ानें कैंसल कीं, कई ने शादी या यात्रा टाल दी। अनिश्चितता इतनी बढ़ गई कि किसी को समझ नहीं आया कि आगे क्या होगा।
कुछ घंटे बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि यह फीस सिर्फ नए वीज़ा आवेदनों पर लागू होगी। लेकिन तब तक लोगों के सपने बिखर चुके थे। परिवार अलग हो गए, रिश्ते टूट गए और भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिकन सपना (American Dream) और भी मुश्किल हो गया।
H-1B वीज़ा धारकों में सबसे ज़्यादा भारतीय हैं। यह प्रस्ताव उनके लिए एक डरावना भविष्य दिखाता है। ट्रम्प का H-1B वीज़ा फैसला सिर्फ़ एक नीति बदलाव नहीं था, बल्कि लाखों भारतीयों के दिलों और सपनों पर गहरी चोट थी। भले ही बाद में स्थिति थोड़ी साफ हुई, लेकिन उस वक्त का डर, तनाव और आंसू कभी नहीं भूलाए जा सकते।