दिल्ली में स्कूलों का दौरा करेंगी मेलानिया, लिस्ट से केजरीवाल और सिसोदिया का नाम हटाया गया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं। अमेरिका प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, दौरे के दौरान राष्ट्र्रपति ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नागरिकता कानून और एनआरसी पर चर्चा करेंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 2:28 AM IST / Updated: Feb 22 2020, 12:58 PM IST

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं। उनके साथ अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प भी आ रही हैं। मेलानिया दिल्ली के स्कूलों में जाकर बच्चों से मुलाकात करेंगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि इन उस स्कूल के कार्यक्रम से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम हटा दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये स्कूल दिल्ली सरकार के अधीन हैं, ऐसे में दोनों को कार्यक्रम में शामिल होना था।

एनआरसी और नागरिकता कानून पर ट्रम्प मोदी से करेंगे बात

अमेरिका प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, दौरे के दौरान राष्ट्र्रपति ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नागरिकता कानून और एनआरसी पर चर्चा करेंगे। पत्रकारों से बातचीत में अधिकारियों ने कहा, अमेरिका भारत के संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं का पूरा सम्मान करता है और इन्हें ऐसे ही जारी रखेगा। 

धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर भी बात करेंगे ट्रम्प
अधिकारियों ने बताया, राष्ट्रपति ट्रम्प सार्वजनिक और निजी तौर पर सांझा लोकतांत्रित और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात करेंगे। ट्रम्प इन मुद्दों को उठाएंगे, खास तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा जो इस (ट्रम्प) प्रशासन के लिए बहुत अहम है।

ट्रम्प CAA और NRC पर करेंगे चर्चा
नागरिकता कानून और एनआरसी के सवाल पर अधिकरी ने कहा, हम भारतीय लोकतांत्रिक की परंपराओं और संस्थानों का सम्मान करते हैं और इन्हें बनाए रखने के लिए भारत को प्रोत्साहित करते रहेंगे। हम उन मुद्दों के बारे में भी चिंतित हैं जिन्हें आपने उठाया है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से मुलाकात के वक्त इन मुद्दों पर बात करेंगे। पूरी दुनिया की नजर इस पर है कि भारत अपनी लोकतांत्रिक परंपरा को जारी रखे।

क्या है नागरिकता कानून?
भारत में पिछले साल के आखिरी में नागरिकता कानून पास हुआ था, इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले प्रताड़ित हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है। देश के कई हिस्सों में इस कानून का विरोध भी हो रहा है।

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