भाजपा को 'धोखा देने' के मूड में शिवसेना, उद्धव ठाकरे ने फोन पर शरद पवार से की बातचीत

महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे खींचतान के बीच शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख आदित्य ठाकरे से फोन पर बातचीत की। यह बात गुरुवार देर रात हुई और दोनों पार्टियों के नेताओं ने इसकी पुष्टि की है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2019 12:17 PM IST / Updated: Nov 01 2019, 05:48 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे खींचतान के बीच शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख आदित्य ठाकरे से फोन पर बातचीत की। यह बात गुरुवार देर रात हुई और दोनों पार्टियों के नेताओं ने इसकी पुष्टि की है। 

दरअसल, शिवसेना नेता संजय राउत गुरुवार को शरद यादव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। इसी दौरान संजय राउत ने अपने फोन से पवार की मुलाकात उद्धव से कराई। दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात ऐसे वक्त पर हुई, जब शिवसेना और भाजपा में सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा है। 

50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना
विधानसभा चुनाव में 288 वाले महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के आधार पर भाजपा को समर्थन देना चाहती है। शिवसेना का कहना है कि पहले ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए। मंत्रिमंडल में आधे मंत्री शिवसेना के होने चाहिए।

शिवसेना चाहे तो सरकार बना सकती है- राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर शिवसेना चाहे तो महाराष्ट्र में स्थिर सरकार बना सकती है। लोगों ने 50-50 के आधार पर सरकार बनाने के लिए जनमत दिया है। लोग शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं। मैं लिखकर कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री हमारा होगा। 

शिवसेना को कांग्रेस को एनसीपी के समर्थन की जरूरत
महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है। ऐसे में शिवसेना को भाजपा के साथ के बिना सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन की जरूरत है। कांग्रेस के पास 44 और एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। हालांकि, कांग्रेस ने विपक्ष में बैठने का ऐलान किया है। 

हम सरकार बनाने की कोशिश करेंगे- एनसीपी
उधर, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि जनता ने भाजपा और शिवसेना को स्थिर सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया है। हम चाहते हैं कि भाजपा-शिवसेना सरकार बनाए और बहुमत साबित करे। अगर वे इसमें सफल नहीं होते तो हम निश्चित तौर से सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। 

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