मोदी कैबिनेट का फैसला- कहीं भी फसल बेच सकेंगे किसान, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम होगा कोलकाता पोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें दो अध्यादेशों को मंजूरी दी गई है। सरकार ने निर्णय लिया है कि किसान अब सीधे अपनी फसल बेच सकेंगे। इसके साथ ही कैबिनेट एक अन्य अध्यादेश को भी मंजूरी दी है। 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज कैबिनेट की बैठक की गई। बैठक में कैबिनेट ने दो अध्यादेशों को मंजूरी दी। जिसके बाद अब किसान अपनी फसल को सीधे बेच सकेंगे। वहीं, सरकार ने कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा को समाप्त कर दिया है। सिर्फ अतिआवश्यक परिस्थितियों में ही यह किया जा सकेगा। इसके साथ ही सरकार ने कोलकाता पोर्ट का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम करने का निर्णय लिया है। जिसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 

कैबिनेट के निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से किसान आजाद हुआ है। कहीं भी उत्पाद बेचने और ज्यादा दाम देने वाले को बेचने की आजादी मिली है किसान को। वन नेशन वन मार्केट की दिशा में हम आगे बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि अतिआवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। आज कृषि उत्पादों की बहुतायत है इसलिए ऐसे बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं थी। 

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पीएम मोदी ने जताया था यह 5 इरादा 

पीएम मोदी ने मंगलवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने के साथ ही सरकार का फोकस इकोनॉमी पर है। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया था।  इंडस्ट्री एसोसिएशन की बैठक में कहा, भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें इरादा, समावेश, निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और नवीनता (इंटेंट, इंक्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन) बहुत जरूरी हैं।

दो दिन पहले एमएसएमई से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हुए थे

इकोनॉमी पर कोरोना का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इसके कुछ प्रस्तावों को दो दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। सोमवार की बैठक में छोटे-मध्यम उद्योगों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स और आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी थी। साथ ही खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला भी हुआ था।

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