
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी (Modi @ 20: Dreams Meet Delivery) पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर नीतियां नहीं बनाती है। सरकार ऐसी नीतियां बनाती है, जिससे लोगों का फायदा होता है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कभी भी नीति बनाने की जल्दी में नहीं होते हैं, लेकिन उन्हें लागू करने का उनका दृढ़ संकल्प हैरान करने वाला होता है। कई लोग आश्चर्य करते हैं कि इतने विरोध के बावजूद वह अपनी बात कैसे रख सकते हैं। मोदी सरकार ऐसे फैसले नहीं लेती, जिससे लोगों को खुशी मिले। यह ऐसे निर्णय लेती है जो लोगों की भलाई के लिए हो।
21 लेखों का संकलन है किताब
बता दें कि मोदी @20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी पुस्तक ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित और रूपा द्वारा प्रकाशित है। यह अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, इंफोसिस के नंदन नीलेकणी व सुधा मूर्ति, कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक और शटलर पीवी सिंधु सहित अन्य प्रतिष्ठित लोगों द्वारा लिखे गए 21 लेखों का संकलन है।
पुस्तक विमोचन के लिए आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, उपराष्ट्रपति के अलावा वक्ताओं में थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ नौकरशाहों और करण जौहर, सिद्धार्थ मल्होत्रा व शंकर महादेवन जैसी बॉलीवुड हस्तियों के अलावा सभी प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति देखी गई।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि मोदी के विरोधी भी मानते हैं कि उनके नेतृत्व में भारत का दुनिया भर में सम्मान बढ़ा है। मोदी ने तीन शब्दों का मंत्र दिया- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म। उन्होंने देश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया। इसके चलते वह इतना लोकप्रिय हैं।
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कड़ी सुरक्षा चुनौतियों से पीछे नहीं हटता है भारत
विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि मोदी ने एक ऐसी विदेश नीति का नेतृत्व किया जो बहुत अधिक "सुरक्षा-केंद्रित" थी और "विकास-केंद्रित" कूटनीति का अभ्यास करती थी। उन्होंने एक सभ्यता राज्य की विदेश नीति चलाई है। मोदी सरकार के आठ साल आतंकवाद को सार्वजनिक बहस के केंद्र में लाए हैं। उन्होंने सीमा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। मोदी सरकार जानती है कि सुरक्षा के लिए जरूरी है तो उरी और बालाकोट हो सकता है। डोकलाम और लद्दाख हो सकता है। आप आज देख सकते हैं कि यह ऐसा देश नहीं है जो अपनी कड़ी सुरक्षा चुनौतियों से पीछे हटता है।
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