Did u know: 2004 से 2009 तक कांग्रेस सरकार ने 'कारगिल विजय दिवस' नहीं मनाया, क्योंकि उनके लिए यह बेकार था

कारगिल युद्ध से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। UPA सरकार ने 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के राज्यसभा में 2009 में उठाए गए एक सवाल से इसका खुलासा होता है।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 26, 2022 4:06 AM IST / Updated: Jul 26 2022, 09:37 AM IST

नई दिल्ली. पाकिस्तान के साथ 23 साल पहले 1999 में हुए कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस(Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। UPA सरकार ने 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया। उसने इस दिन की अहमियत नहीं समझी। वर्तमान में केंद्र सरकार में IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर(Rajeev Chandrasekhar) के 2009 के लेटर से इसका खुलासा हुआ है। बता दें कि कारगिल युद्ध 3 मई से 26 जुलाई, 1999 तक चला था। आखिर में भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान के छक्के छूट गए थे। आफिसियली रिकॉर्ड के अनुसार, युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे। पढ़िए पूरा मामला...

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सदन में मांग उठाने पर कारगिल विजय दिवस मनाने पर झुकी UPA सरकार
IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर एक tweet किया है। इसमें उन्होंने UPA सरकार की देश के प्रति सेवा(Serving Our Nation) की सच्चाई जाहिर की है। मंत्री ने राज्यसभा में उठाए सवाल की कॉपी शेयर करते हुए लिखा-क्या आप जानते हैं 2004-2009 कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस नहीं मनाया या सम्मान नहीं किया, जब तक कि मैंने संसद में ServingOurNation पर जोर नहीं दिया। मंत्री ने 21 जुलाई, 2009 को राज्यसभा में नोटिस देकर 23 जुलाई को सार्वजनिक महत्व के इस मामले पर तुरंत जानकारी मांगी थी। इसमें लिखा गया था-मैं सभापति(chairman) से अनुरोध करता हूं कि मुझे 23 जुलाई, 2009 को सदन में अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के मामलों का उल्लेख करने की अनुमति दें। इसके साथ ही मंत्री ने एक मैटर लिखा था। राजीव चंद्रशेखर तब मंत्री नहीं थे, सिर्फ राज्यसभा मेंबर थे।

यह लेटर कुछ यूं था-मैं माननीय सदस्यों का ध्यान कारगिल में हमारे आर्म्ड फोर्स के मेल-फीमेल की 26 जुलाई को हमारे शत्रुओं पर विजय की 10वीं वर्षगांठ की ओर आकर्षित करता हूं। मेरा मानना ​​है कि उस संघर्ष और हर दूसरे संघर्ष में हमारे सशस्त्र बलों के पुरुषों और महिलाओं के कार्य हमारी श्रद्धांजलि, सम्मान और सलाम के पात्र हैं। मैं रक्षा मंत्रालय और सरकार से इस दिन को यादगार बनाने और हर साल इसे मनाने की अपील करता हूं। मैं इस सदन में अपने उन सहयोगियों से भी अपील करता हूं, जो इसका विरोध करते हैं या इसे भाजपा युद्ध या कुछ हास्यास्पद बताते हैं, इस मजाक को रोका जाए। इस तरह की टिप्पणियों से आप इनके और परिवारों के लिए गंभीर नुकसान करते हैं, जो हमारे देश की सेवा करते हैं। हमारे राष्ट्र के लिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम इन बलिदानों और कर्तव्यों को याद रखें।

सदन में मामला उठने के बाद 2010 में फिर से मनाया गया था कारगिल विजय दिवस
मंत्री राजीव चंद्रशेखर(तब राज्यसभा मेंबर) के सवाल के बाद UPA सरकार में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके अंटनी ने राज्यसभा कहा था कि 26 जुलाई, 2010 को अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

इसी मुद्दे को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद जयहिंद(Shehzad Jai Hind) ने भी tweet करते हुए लिखा-यूपीए सरकार ने 2004-2009 तक आधिकारिक तौर पर कारगिलविजय दिवस नहीं मनाया। कांग्रेस सांसद राशिद अल्वी के हवाले से कहा गया कि उन्होंने कारगिल जीत का जश्न मनाने का कोई कारण नहीं देखा। यूपीए ने भले ही इसे मनाना जारी न रखा हो, लेकिन राजीव चंद्रशेखर (@Rajiv_GoI)  ने उसे बदल दिया।

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