किसान नहीं बुलाते हैं, फिर भी ये जाना चाहते हैं...विपक्ष पर रविशंकर प्रसाद का हमला, कहा- ये अपना अतीत भूल गए

कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, यूपीए शासन के दौरान उन्होंने वही किया जो आज मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए कर रही है। अब जब वे चुनाव हार रहे हैं, तो वे किसी भी तरह के विरोध में शामिल हो जाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2020 9:30 AM IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, यूपीए शासन के दौरान उन्होंने वही किया जो आज मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए कर रही है। अब जब वे चुनाव हार रहे हैं, तो वे किसी भी तरह के विरोध में शामिल हो जाते हैं।

कांग्रेस पर साधा निशाना
उन्होंने आगे कहा, विपक्षी दल विरोध के लिए सरकार का विरोध कर रहे हैं। अतीत में अपने काम को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव घोषणापत्र में कांग्रेस ने एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) अधिनियम को निरस्त करने और सभी प्रतिबंधों से मुक्त निर्यात सहित कृषि उपज का व्यापार करने का वादा किया। 

शरद पवार को भी दिया जवाब
उन्होंने नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा। प्रसाद ने कहा कि जब वह (पवार) कृषि मंत्री थे, तो उन्होंने बाजार के बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को लिखा था।

"किसान नहीं बुलाते, ये फिर भी जाते हैं"
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, इन विपक्षी दलों को भले ही किसान संगठन नहीं बुलाते हैं, लेकिन ये फिर भी जाना चाहते हैं। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए समय-समय पर अलग-अलग राज्यों ने कांट्रैक्ट फार्मिंग को लागू किया। इसमें अधिकतर कांग्रेस शासित प्रदेश थे। योगेन्द्र यादव ने 2017 में ट्वीट किया था कि APMC एक्ट में बदलाव क्यों नहीं हो रहा है।

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