मोदी की महिला मंत्री बोलीं-ओवैसी को Afghanistan भेज देना चाहिए ताकि वह अपने समुदाय और महिलाओं को बचा सकें

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा था कि अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण से पहले भारत को तालिबान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए थी। सभी अंतरराष्ट्रीय और सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि बातचीत होनी चाहिए थी। लेकिन, पिछले सात वर्षों से केंद्र सरकार यह पढ़ने में विफल रही है कि क्या हो रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 20, 2021 12:41 PM IST / Updated: Aug 20 2021, 06:19 PM IST

नई दिल्ली। पीएम मोदी के मंत्री औवैसी पर हमला बोल रहे हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा अफगानिस्तान संकट पर मोदी सरकार के रुख और भारत में महिलाओं पर अत्याचार पर सवाल उठाने के बाद केंद्रीय मंत्री ने ओवैसी पर जमकर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा है कि ओवैसी को अफगानिस्तान भेज देना चाहिए ताकि वह अपने समुदाय व महिलाओं को बचा सकें। 
दरअसल, ओवैसी ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा था कि भारत में नौ में से एक बच्चियों की मृत्यु पांच साल की उम्र से पहले हो जाती है। यहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध हैं। लेकिन, वे (केंद्र) चिंतित हैं कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है। मोदी सरकार को यहां की चिंता क्यों नहीं है। 

 

विफरते हुए बचाव में आई मोदी सरकार की मंत्री

ओवैसी की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि ओवैसी को ‘उनकी महिलाओं और उनके समुदाय की रक्षा करने‘ के लिए अफगानिस्तान भेजना ‘बेहतर‘ होगा।

 

ओवैसी बोलेः आईएसआई तालिबान से मिला हुआ

उधर, ओवैसी तालिबान में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अल कायदा और दाएश अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में पहुंच गए हैं।‘
उन्होंने कहा कि आईएसआई भारत का दुश्मन है। आपको याद रखना चाहिए कि आईएसआई तालिबान को नियंत्रित करती है और इसे कठपुतली की तरह इस्तेमाल करती है।

ओवैसी बोले विदेश नीति में हुए फेल

इससे पहले सोमवार को, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा था कि अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण से पहले भारत को तालिबान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए थी। आवैसी ने आगे कहा कि अब जबकि अफगानिस्तान तालिबान के पूर्ण नियंत्रण में है, हमारे पास उनके साथ कोई संवाद नहीं है, कोई बातचीत नहीं है। सभी अंतरराष्ट्रीय और सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि बातचीत होनी चाहिए थी। लेकिन, पिछले सात वर्षों से केंद्र सरकार यह पढ़ने में विफल रही है कि क्या हो रहा है।

यह भी पढ़ें: 

 

बढ़ी ममता सरकार की मुसीबत, पोस्ट पोल हिंसा की सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट

Afghanistan के सिख हाथ जोड़कर मांग रहे मदद, कनाडा-अमेरिका को SOS कॉल, कहा-हमारे बच्चों-महिलाओं को बचा लो

बूढ़े चीन में ‘हम दो-हमारे तीन’ की पॉलिसी लागू, युवा लोगों की भारी कमी वाला देश बना ड्रैगन

Share this article
click me!