US H-1B visa के लिए शुल्क बढ़ा, भारत सरकार ने कहा- हो सकते हैं मानवीय परिणाम

Published : Sep 20, 2025, 11:16 PM IST
US President Donald Trump

सार

अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा नियम बदले जाने और फीस 88 लाख रुपए करने पर भारत ने कहा है कि इसके मानवीय परिणाम हो सकते हैं। वीजा धारकों के परिवार प्रभावित होंगे। भारत सरकार ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी अधिकारी इसके असर पर ध्यान देंगे। 

US H-1B visa fee: अमेरिका ने एच-1बी वीजा नियम बदला है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सालाना वीजा शुल्क 1 लाख अमेरिकी डॉलर (88 लाख रुपए से ज्यादा) कर दिया है। एच-1बी वीजा धारक 70% भारतीय हैं।

भारत सरकार ने एच-1बी वीजा फीस बढ़ाने पर प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि इससे मानवीय परिणाम हो सकते हैं। वीजा धारकों के परिवारों पर इसका असर पड़ सकता है। भारत सरकार इस कदम के प्रभावों का आकलन कर रही है। अमेरिकी अधिकारियों से इसके प्रभावों पर ध्यान देने का आग्रह किया है।

एच-1बी वीजा धारकों के परिवार होंगे प्रभावित

विदेश मंत्रालय ने बयान किया है। इसमें कहा गया है, "इस कदम से परिवारों के लिए उत्पन्न व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम होने की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी प्राधिकारी इन व्यवधानों को उचित रूप से संबोधित कर सकेंगे।"

सरकार ने कहा कि वह अमेरिकी प्रशासन के इस कदम के प्रभावों का आकलन कर रही है। उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका के उद्योग आगे का सबसे अच्छा रास्ता खोजने के लिए परामर्श करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने कहा- एच-1बी वीजा नियम बदलने के असर का कर रहे आकलन

विदेश मंत्रालय ने कहा, "कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में टेक्नोलॉजी विकास, इनोवेशन, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसलिए नीति निर्माता आपसी लाभों को ध्यान में रखते हुए हाल के कदमों का आकलन करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच मजबूत जन-जन संबंध शामिल हैं।"

सरकार ने कहा कि इस उपाय के पूर्ण निहितार्थों की सभी हितधारकों द्वारा जांच की जा रही है। इसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, जिसने एच-1बी कार्यक्रम के बारे में कुछ धारणाओं को संबोधित करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण पहले ही जारी कर दिया है। भारत और अमेरिका, दोनों ही देशों के उद्योगों का इनोवेशन और रचनात्मकता में निहित स्वार्थ है और आगे का सर्वोत्तम रास्ता तय करने के लिए परामर्श में शामिल होने की उम्मीद है।

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बता दें कि एच-1बी वीजा के लिए कम से कम स्नातक की डिग्री आवश्यक है। यह उन लोगों को दिया जाता है जो अमेरिकी कंपनियों में ऊंचे पदों पर काम करते हैं। इन पदों को भरने में तकनीकी कंपनियों को अक्सर कठिनाई होती है। इस कार्यक्रम के आलोचकों का तर्क है कि यह कुशल अमेरिकी कर्मचारियों की जगह सस्ते विदेशी कर्मचारियों को लाने का एक जरिया बनता जा रहा है।

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