अमेरिकी इंटेलीजेंस की रिपोर्ट: भारत का चीन व पाकिस्तान के साथ बढ़ेगा टकराव, अमेरिका ने बताया अपने नागरिकों के लिए खतरा

पूर्व के दशकों से इस समय सेना उकसावे पर अधिक तेजी से रिस्पांस कर सकती है जिससे तनाव अपने चरम पर पहुंच सकता है। इससे एशिया महाद्वीप में तनाव और टकराहट का अंदेशा है। इन टकराहटों की वजह से अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 9, 2023 10:25 AM IST / Updated: Mar 09 2023, 06:20 PM IST

US Intelligence community report: अमेरिकी इंटेलीजेंस कम्युनिटी ने यूएस सांसदों को भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण रिपोर्ट दी है। अमेरिकी इंटेलीजेंस कम्युनिटी का दावा है कि भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ टकराव बढ़ेगा। हालांकि, पूर्व के दशकों से इस समय सेना उकसावे पर अधिक तेजी से रिस्पांस कर सकती है। किसी भी भड़काऊ स्थिति के जवाब में भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद है। इससे एशिया महाद्वीप में तनाव और टकराहट का अंदेशा है। इन टकराहटों की वजह से अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

US intelligence एनुअल असेसमेंट रिपोर्ट

अमेरिकी खुफिया समुदाय के वार्षिक खतरे आंकलन करने संबंधी रिपोर्ट हर साल जारी होता है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने अमरेकी कांग्रेस में इस रिपोर्ट केा पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन द्विपक्षीय सीमा वार्ता में लगे हुए हैं और सीमा बिंदुओं को सुलझा रहे हैं लेकिन 2020 में देशों के घातक संघर्ष के मद्देनजर संबंध तनावपूर्ण हुए जो बीते दशकों से सबसे गंभीर स्थितियों तक पहुंच चुका है। विवादित सीमा पर भारत और चीन ने अपनी सैन्य शक्तियों को विस्तार दिया है। दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम बढ़ने से अमेरिकी लोगों और अमेरिका के लिए सीधा खतरा हो सकता है। एलएसी पर दोनों के बीच संघर्ष के तेजी से बढ़ने का खतरा है।

बता दें कि मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध के बाद से चीन और भारत के बीच संबंध पूरी तरह से खराब हुए हैं। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

भारत पाकिस्तान के बीच भी संघर्ष बढ़ने की आशंका

रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच भी टकराहट से अधिक जोखिम है। दरअसल, यह दोनों देश भी परमाणु संपन्न हैं। हालांकि, 2021 में दोनों पक्षों के बीच सीज फायर है और दोनों तरफ के लोग शांति बहाली चाहते हैं लेकिन आशंका है कि संघर्ष तेज हो सकता है। यह इसलिए क्योंकि पाकिस्तान का उग्रवादियों या आतंकवादियों को समर्थन देने का एक लंबा इतिहास रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के कथित उकसावे या पाकिस्तान के वास्तविक उकसावे से सैन्य बल के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए पूर्व की तुलना में अधिक सक्षम है। प्रत्येक पक्ष के दावों से तनाव और खतरा बढ़ सकता है। कश्मीर में हिंसक अशांति या भारत में आतंकवादी हमला संभावित फ्लैशप्वाइंट हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध, कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।

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