थ्री लेयर सुरक्षा, 24 घंटे सीसीटीवी...यूपी सरकार ने बताया कैसे कर रही हाथरस पीड़िता के परिवार की सुरक्षा

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित महिला के साथ कथित गैंगरेप केस में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा दी गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा के प्रयासों पर जवाब मांगा था। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2020 9:39 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली/हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित महिला के साथ कथित गैंगरेप केस में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा कि पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए थ्री लेयर की सुरक्षा दी गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पीड़िता के परिवार और गवाहों की सुरक्षा के प्रयासों पर जवाब मांगा था। 

गांव में लगवाए गए सीसीटीवी
उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि मृतक के परिवार की सुरक्षा के लिए गांव में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, जिससे परिवार से मिलने वालों पर भी नजर रखी जा सके। प्रदेश सरकार ने बताया कि गांव में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी हैं। 

मंगलवार को 4 घंटे क्राइम सीन पर रही सीबीआई
हाथरस केस में सीबीआई की टीम मंगलवार को पहली बार पीड़िता के गांव पहुंची। यहां 4 घंटे तक क्राइम सीन से लेकर अंतिम संस्कार वाली जगह का जायजा लिया। वीडियोग्राफी करवाई। पीड़ित के परिवार से बात की। घर से निकलने के बाद सीबीआई की टीम पीड़िता के बड़े भाई को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई। पीड़िता का भाई सुबह 11.30 बजे से ही सीबीआई टीम के साथ था।

क्राइम सीन पर गई थी सीबीआई की 15 लोगों की टीम
सीबीआई सहित 15 लोगों की टीम क्राइम सीन पर पहुंची है। सीबीआई सबसे पहले पीड़िता के भाई को क्राइम सीन पर बुलाती है। फिर उससे वहीं पर पूछताछ की जाती है। वारदात वाली जगह की वीडियोग्राफी की गई। क्राइम सीन से पीड़िता का घर 150 से 200 मीटर है।

29 दिन बाद यूपी पुलिस ने क्राइम सीन की घेराबंदी की
हाथरस केस में सीबीआई की टीम पीड़िता के गांव पहुंची। सीबीआई के गांव पहुंचने से पहले यूपी पुलिस की क्राइम सीन की घेराबंदी की। बता दें कि 29 दिन तक पुलिस ने यह जरूरी नहीं समझा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हो सकती है। उसकी घेराबंदी कर दें। 29 दिन बाद जब सीबीआई की टीम मौके पर पहुंची तो उससे पहले पुलिस ने घेराबंदी का काम किया।

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