ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने जाने की VHP ने की मांग, आलोक कुमार ने कहा-सौहार्दपूर्ण ढंग से मस्जिद कहीं और जाए

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी संरचना से एएसआई द्वारा एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था।

Gyanvapi campus row: वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में एएसआई रिपोर्ट कोर्ट से सार्वजनिक होने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने उस पर दावा शुरू कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद ने ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी की रिपोर्ट से साफ है कि परिसर हिंदुओं की पूजास्थली थी जिसे तोड़ा गया था। अब जब सबकुछ स्पष्ट है तो उसे हिंदुओं को वापस सौंप दिया जाना चाहिए।

क्या है वीएचपी की मांग?

Latest Videos

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी संरचना से एएसआई द्वारा एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था। मंदिर की संरचना का एक हिस्सा, विशेष रूप से पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है। रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि मस्जिद की अवधि बढ़ाने और सहन के निर्माण में संशोधनों के साथ स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का पुन: उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा कि जिसे वह लोग वजुखाना कहते हैं उसमें मौजूद शिवलिंग से यह स्पष्ट है कि यहां मस्जिद नहीं है। उन्होंने कहा कि संरचना में पाए गए शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर सहित नामों की खोज इसके मंदिर होने का स्पष्ट प्रमाण है।

 

 

कानूनन हमारा हक

आलोक कुमार ने यह भी कहा कि एकत्र किए गए साक्ष्य और एएसआई द्वारा प्रदान किए गए निष्कर्ष यह साबित करते हैं कि इस पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में था और वर्तमान में एक हिंदू मंदिर है। इस प्रकार पूजा स्थल अधिनियम 1991 की धारा 4 के अनुसार भी संरचना को हिंदू मंदिर घोषित किया जाना चाहिए

विश्व हिंदू परिषद की यह है मांग और सुझाव

हिंदुओं को तथाकथित वज़ुखाना क्षेत्र में पाए जाने वाले शिवलिंग की सेवा पूजा करने की अनुमति दी जाए।

इंतेज़ामिया समिति से ज्ञानवापी मस्जिद को सम्मानपूर्वक किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने और काशी विश्वनाथ के मूल स्थल को हिंदू समाज को सौंपने के लिए सहमत होने का आह्वान किया।

विहिप का मानना है कि यह नेक कार्य भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

यह भी पढ़ें:

बीजेपी का बड़ा फेरबदल: धर्मेंद्र प्रधान की जगह कर्नाटक में डॉ.आरएमडी तो यूपी में राधामोहन सिंह हटाए गए, देखें लिस्ट

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
PM Modi Guyana Visit: 'नेताओं का चैंपियन'... मोदी को मिला गुयाना और डोमिनिका का सर्वोच्च सम्मान
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
'गौतम अडानी गिरफ्तार हों' Rahul Gandhi ने PM Modi पर लगाया एक और बड़ा आरोप
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?