वेदांता का चीन को बड़ा चैलेंज, गुजरात में 'चिप' प्लांट का ऐलान, PM ने 6 महीने पहले भांप लिया था दुनिया का रुख

इंडियन मल्टीनेशनल माइनिंग कंपनी वेदांता ने गुजरात के अहमदबाद में ताइवानी कंपनी फॉक्‍सकॉन (Foxconn) के साथ मिलकर एक बड़ा सेमीकंडक्‍टर प्‍लांट(semiconductor plant ) लगाने का ऐलान करके चीन के दबदबे को चैलेंज किया है। यह वो प्रॉडक्ट्स है, जिसकी वजह से ताइवान से चीन की तनातनी चल रही है।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 13, 2022 8:07 AM IST / Updated: Sep 14 2022, 09:38 AM IST

नई दिल्ली. इंडियन मल्टीनेशनल माइनिंग कंपनी वेदांता(Vedanta Limited) ने गुजरात के अहमदाबाद में ताइवान की कंपनी फॉक्‍सकॉन (Foxconn) के साथ मिलकर एक बड़ा सेमीकंडक्‍टर प्‍लांट(semiconductor plant ) लगाने का ऐलान करके चीन के दबदबे को चैलेंज किया है। बता दें कि वेदांता भारत की एक बड़ी कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह गोवा, कर्नाटक, राजस्थान और ओडिशा में लौह अयस्क( iron ore), गोल्ड और एल्युमिनियम माइन्स में काम करती है। बता दें कि अमेरिका सहित दुनिया के दिग्गज देश भी सेमीकंडक्‍टर के लिए ताइवान जैसे कुछ छोटे देशों पर निर्भर है। यही वजह है कि चीन हमेशा से ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करता आया है।

पहले जानें वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने क्या tweet किया
वेदांता(Vedanta Resources Limited) के  चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने tweets करके लिखा कि इतिहास बन जाता है! यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि गुजरात में नया वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित किया जाएगा। वेदांत का ₹1.54 लाख करोड़ का ऐतिहासिक निवेश भारत की #Atmanirbhar Silicon Valle को एक साकार करने में मदद करेगा।  यह प्रोजेक्ट प्रधान मंत्री की मंशा को पूरा करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री का भारत में एक मजबूत मैन्युफ्रैक्चरिंग बेस बनाने का जो विजन है, यह हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स इम्पोर्ट को कम करेगा और हमारे लोगों को 1 लाख डायरेक्ट स्किल्ड जॉब मिलेगा। जॉब सीकर्स से लेकर जॉब क्रियेटर्स तक। गुजरात सरकार और केंद्रीय आईटी मंत्री को मेरा गहराई से आभार, जिन्होंने वेदांत को इतनी जल्दी चीजों को जोड़ने में मदद की है। भारत का #tech  ईकोसिस्टम फलेगा-फूलेगा, जिससे हर राज्य नए इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफेक्चरिंग हब के माध्यम से लाभान्वित होगा। भारत की अपनी सिलिकॉन वैली अब एक कदम और करीब है। भारत न केवल अपने लोगों की, बल्कि समुद्र के पार के लोगों की भी डिजिटल जरूरतों को पूरा करेगा। चिप टेकर से चिप मेकर बनने का सफर आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है...जय हिंद! 

फरवरी में वेदांता ने किया था ऐलान
मीडिया सूत्रों के अनुसार, गुजरात सरकार ने वेदांता को अहमदाबाद में प्‍लांट लगाने के लिए फ्री में जमीन और रियायती रेट पर बिजली-पानी मुहैया कराने का वादा किया है। जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते दोनों पक्षों के बीच एमओयू साइन हो सकते हैं। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल और वेदांता के अधिकारी शामिल होंगे। बता दें कि सेमीकंडक्टर को आमबोल की भाषा में चिप कहते हैं, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक आइटम्स में होता है। चाहे वो टीवी आदि हो या मिसाइल। फरवरी में वेदांता ने चिप बनाने का फैसला किया था। कंपनी ने ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया है। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक भी कंपनी की लिस्ट में थे, लेकिन वेदांता को गुजरात ठीक लगा। वेदांता ने 1 हजार एकड़ जमीन मुफ्त में 99 साल के लिए लीज पर पर देने की मांग की थी। साथ ही 20 साल के लिए एक निश्चित कीमत पर पानी और बिजली सप्‍लाई भी मांगी थी, जिसे गुजरात सरकार ने मान लिया।

6 महीने में ही दिखने का असर
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 29 अप्रैल से 1 मई तक बेंगलुरु में आयोजित ‘सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2022’ के उद्घाटन में कहा था कि इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने और यहां चिप डिजाइन एवं  विनिर्माण का अनुकूल परिवेश बनाने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने की दिशा में काम शुरू करने के लिए एक लॉन्च पैड के रूप में तैयार करना है। सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2022 के लिए एक संचालन समिति का गठन किया था। इसमें स्टार्टअप्स, शिक्षाविद और इस उद्योग की वैश्विक हस्तियां शामिल हैं। ‘भारत में सेमीकंडक्टर परिवेश को अनुकूल बनाना’ थीम के साथ सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन 2022 में भारत को दुनिया के सेमीकंडक्टर मानचित्र पर उचित स्‍थान दिलाने और देश में एक जीवंत सेमीकंडक्टर डिजाइन एवं विनिर्माण परिवेश सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप बनाने की दिशा में सार्थक पहल करना है।

केरल में दी थी हिंट
अगस्त में यूनियन मिनिस्टर चंद्रशेखर केरल के कोझिकोड में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेंटर की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने एनआईटी कालीकट के स्टूडेंट्स, स्टार्टअप्स के एक कार्यक्रम में भी शिरकत किया। उन्होंने बताया था कि देश में इस वक्त 78 हजार से अधिक स्टार्टअप्स और 110 यूनिकार्न्स हैं। यह स्टार्टअप्स न केवल इनोवेशन्स को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि बड़े जॉब किएटर्स के रूप में उभरे हैं। 

गुजरात में बोले थे चंद्रशेखर: अगस्त में ही केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने गुजरात के सूरत में आयोजित के कार्यक्रम में कहा था कि डिजिटल इंडिया गुजरात के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा दे सकता है। चंद्रशेखर ने कहा कि अगला दशक भारत के टेक्नोलॉजी का दशक होगा। 

इसी वजह से ताइवान से चिढ़ रहा चीन
बता दें कि भारत के सेमीकंडक्टर बाजार के 2026 तक 6300 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। 2020 में यह सिर्फ 1500 करोड़ डॉलर का था। अभी अमेरिका सहित दुनिया के दिग्गज देश भी सेमीकंडक्‍टर के लिए ताइवान जैसे कुछ छोटे देशों पर निर्भर है। उदाहरण के तौर पर बता दें किचिप की किल्लत के चलते ऑटो और स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा था।

पिछले दिनों जब अमेरिकी संसद के निचले सदन की प्रतिनिधि प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं, तो चीन भड़क उठा था। नौबत अमेरिका और चीन के आमने-सामने खड़े होने से युद्ध तक की आ गई थी। तब नैंसी पेलोसी ने ताइवान की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (टीएसएमसी) के अध्यक्ष मार्क लुई से मुलाकात की थी। टीएसएमसी दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी मानी जाती है। अमेरिका हो या अन्य बड़े देश, चिप के लिए इसी कंपनी पर निर्भर हैं। अमेरिका भी अपने यहां सेमीकंडक्टर का बेस तैयार करने की कोशिश कर रहा है। चीन को यह पसंद नहीं। चीन ऐसे ही कई कारणों से ताइवान को कब्जे में रखना चाहता है। बता दें कि सेमीकंडक्टर्स को कंप्यूटर चिप्स या चिप्स कहते हैं। यह सभी नेटवर्क उपकरणों का अहम हिस्सा है। घरेलू उपकरण से लेकर डिफेंस और अंतरिक्ष विज्ञान तक तक में यह बहुत महत्वपूर्ण है।


अमेरिका भी लगातार यही प्रयास कर रहा है
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले दिनों कहा था कि ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अपने प्लांट लगाने के लिए चीन और जापान जैसे देशों की अपेक्षा अमेरिका को तरजीह दे रहा है। बाइडन ने ओहायो के न्यू अल्बानी में ‘इंटल ग्राउंडब्रेकिंग साइट’ पर देश में इन कंपनियों के दो बड़े निवेश का जिक्र किया था। इसमें उल्लेख किया गया कि चीन, जापान, उत्तर कोरिया और यूरोपीय संघ सभी अपने देशों में चिप निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं, लेकिन कंपनियां अमेरिका को चुन रही हैं।


1. दुनिया में ताइवान की 'ताइवान सेमिकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी' की रैंक-1 नंबर पर है। इसका मार्केट पर 54 प्रतिशत कब्जा है।

2.सेकंड रैंक पर सैमसंग कंपनी आती है। इसकी मार्केट में हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है।

3. तीसरी रैंक पर UMC आती है। इसकी मार्केट में हिस्सेदारी 7 प्रतिशत है।

4. चौथी रैंक पर ग्लोबल फाउंड्रीज  है। इसकी मार्केट में हिस्सेदारी 7 प्रतिशत है।

5. पांचवीं रैंक पर SMIC कंपनी आती है। इसकी मार्केट में हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है।

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