विजय दिवस की 54वीं एनिवर्सरी मनाई जा रही है। 16 दिसंबर 1971 ही वह ऐतिहासिक दिन था, जब भारत ने पाकिस्तान को सबसे बड़ी हार दी थी और पूर्वी पाकिस्तान यानि बांग्लादेश को अलग कराया था।
Vijay Diwas. 16 दिसंबर 1971 भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम दिन है, जब भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में बुरी तरह से हराकर बांग्लादेश को अलग राष्ट्र बनाया था। इसी दिन पाकिस्तान ने अपनी हार स्वीकार की थी और पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने भारत के सामने घुटने टेक दिए थे। इसी की याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच वह जंग 13 दिनों तक चली थी और भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजिमेंट को ध्वस्त कर दिया था।
बांग्लादेश को अलग देश बनाया गया
पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाने वाला बांग्लादेश तब पाकिस्तान के कब्जे में था और लगातार अलग राष्ट्र के लिए संघर्ष कर रहा था। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य किया था। 1971 में उस युद्ध की शुरूआत तीन दिसंबर से हुई थी और 13 दिनों के बाद ही पाकिस्तानी सेना ने ढाका में आत्म समर्पण कर दिया था। पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बनाने में भारत ने बड़ी भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान की सेनाा के सामने भारतीय सेना ने ऐसा साहस दिखाया कि पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़ गए थे।
भारत की जीत का बड़ा असर पड़ा था
बांग्लादेश बनाने के लिए 1971 का युद्ध भारत के सैम मानेकशॉ के नेतृत्व में लड़ा गया। भारतीय सेना के इस लीडर ने ऐसी रणनीति बनाई कि पाकिस्तान के पास इसका कोई जवाब नहीं था। 1971 की इस जीत ने भारत की स्थिति को काफी मजबूत कर दिया और भारतीय सेना के शौर्य में चार चांद लगा दिया। हर भारतवासी विजय दिवसे के तौर पर इस दिन को गर्व से याद करता है। इसके बाद भी पाकिस्तान ने फिर से कोशिश की और 1999 में कारगिल हमला कर दिया। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी शिकस्त दी थी। पाक की सेना ने तब भारत की ऊंची चोटियों पर कब्जा किया था लेकिन सैनिकों ने खदेड़कर भगा दिया।
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