
Vikram Misri Troll: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और भारत-पाक सीजफायर (India-Pakistan Ceasefire) के बीच सरकार की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने जिस तरह से देश का पक्ष रखा, उसकी हर तरफ सराहना हुई। लेकिन कुछ सोशल मीडिया ट्रोल्स द्वारा उन्हें निशाने में लगे हुए हैं। ट्रोल ब्रिगेड के हमले के बाद देश के कई दिग्गज नेताओं और पूर्व सेना प्रमुखों ने मिसरी की सराहना करते हुए ट्रोल्स को लताड़ा है। मिसरी का बचाव करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
ओवैसी ने X पर लिखा: Vikram Misri एक ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं, जो राष्ट्रहित में लगातार काम कर रहे हैं। हमारे सिविल सर्वेंट्स कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, उन्हें उन फैसलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए जो कार्यपालिका या राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए हैं।
कांग्रेस नेता सलमान अनीस सौज (Salman Anees Soz) ने भी मिसरी का समर्थन करते हुए कहा कि विक्रम मिसरी, एक कश्मीरी, ने भारत का नाम ऊंचा किया है। ट्रोलिंग उनकी सेवा को कम नहीं कर सकती।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने दिए इंटरव्यू में कहा कि मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह इस कठिन वक्त में भारत की दृढ़ता और स्पष्टता का प्रतीक बने। उन्हें निशाना बनाना बहुत ही दुखद है।
पूर्व भारतीय राजदूत नवदीप सूरी (Navdeep Suri) ने भी इस ट्रोलिंग को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने लिखा: विक्रम मिसरी प्रोफेशनलिज्म का प्रतीक हैं, पर कुछ लोगों की 'ब्लडलस्ट' को यह भी नहीं भाता।
सीजफायर के बाद पाकिस्तान द्वारा पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की संयुक्त जांच की मांग पर मिसरी ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड साफ नहीं है। मुंबई हमलों में सबूत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। पाकिस्तान जांच को लगातार टालता रहा है।
जब पाकिस्तानी आर्मी प्रवक्ता ने भारत में सरकार की आलोचना का मज़ाक उड़ाया, तो मिसरी ने जवाब दिया कि ये किसी खुले और जीवंत लोकतंत्र की पहचान है। पाकिस्तान को इसकी समझ नहीं है, इसमें आश्चर्य नहीं।
हिंदू कॉलेज दिल्ली और XLRI जमशेदपुर के पूर्व छात्र रहे विक्रम मिसरी ने भारतीय विदेश सेवा में आने से पहले विज्ञापन क्षेत्र में काम किया। वे प्रधानमंत्री कार्यालय में भी रह चुके हैं और पिछले साल जुलाई में विदेश सचिव बने।